नई दिल्ली। 1 अगस्त 2020 यानी कल से भारत में नौ बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। इन बदलावों का आपकी जिंदगी पर सीधा असर पड़ेगा। इन नए नियमों से एक ओर जहां आपको राहत मिलेगी, वहीं अगर आपने कुछ बातों का ध्यान नहीं रखा तो आपको आर्थिक नुकसान भी हो सकता है।
इनमें रसोई गैस सिलिंडर, कुछ बैंकों में मिनिमम बैलेंस, अनलॉक 3 के दिशा-निर्देश, RBL बैंक के बचत खाते पर ब्याज दर, EPF में योगदान, सुकन्या समृद्धि योजना, कार और दोपहिया वाहन खरीदना और ई-कॉमर्स कंपनियों से जुड़े नियम शामिल हैं। आइए जानते हैं इन महत्वपूर्ण बदलावों के बारे में।
EPF
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) अंशदान में तीन महीने के लिए कटौती लागू करने का फैसला लिया था। जुलाई तक इसे 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी अंशदान करने का फैसला लिया गया। 31 जुलाई को यह अवधि समाप्त हो रही है। इसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पीएम गरीब कल्याण पैकेज के तहत की थी। अगर सरकार की ओर से इस अवधि को नहीं बढ़ाया जाता है, तो 1 अगस्त से पीएम गरीब कल्याण पैकेज के तहत न आने वाले कर्मचारी और नियोक्ता के लिए योगदान फिर से 12-12 फीसदी हो जाएगा।
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सस्ता होगा वाहन खरीदना
अगर आप एक नई कार या मोटरसाइकिल खरीदने की सोच रहे हैं, तो एक अगस्त से कार और टू-व्हीलर की इंश्योरेंस पॉलिसी में बदलाव होने जा रहा है। दरअसल भारतीय बीमा नियामक व विकास प्राधिकरण (इरडा) एक अगस्त से मोटर थर्ड पार्टी और ओन डैमेज इंश्योरेंस में बदलाव करने जा रही है। इरडा के निर्देशों के मुताबिक, ग्राहकों को कार की खरीद पर तीन साल और दो-पहिया वाहनों की खरीद पर पांच साल का थर्ड पार्टी कवर लेना अनिवार्य नहीं होगा। इरडा ने इन वाहनों पर से पैकेज कवर को वापस लेने का फैसला किया है।
वापस लिया फैसला
जून में वाहनों पर ओन-डैमेज और लॉन्ग टर्म पैकेज थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी को वापस लेते हुए इरडा ने कहा कि इसकी वजह से वाहनों की कीमतें महंगी हो रही थी। इरडा के मुताबिक इससे ग्राहकों को वाहन खरीदने में आर्थिक रूप से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इंश्योरेंस पॉलिसी में बदलाव का सीधा असर वाहनों की कीमत पर पड़ेगा। आसान भाषा में कहें तो अब वाहन खरीदना पहले के मुकाबले सस्ता हो जाएगा।
भारतीय बैंकों में मिनिमम बैलेंस
कुछ भारतीय बैंकों में बचत खाते में मिनिमम मंथली बैलेंस को लेकर एक अगस्त से नियम बदलने जा रहे हैं। इनमें एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, कोटक महिंद्रा बैंक और आरबीएल बैंक शामिल है। इन बैंकों ने एक अगस्त से लेनदेन के नियमों में बदलाव करने का फैसला किया है।
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इनमें से कुछ बैंक कैश निकालने और जमा करने पर फीस वसूलेंगे, वहीं कुछ बैंक मिनिमम बैलेंस बढ़ाने की तैयारी में है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र में बचत खाते वालों को मेट्रो और शहरी क्षेत्रों में न्यूनतम बैलेंस 2,000 रुपये रखने होंगे, पहले यह लिमिट 1,500 रुपये थी। कम बैलेंस होने पर बैंक मेट्रो और शहरी क्षेत्रों में खाताधारकों से 75 रुपये, अर्ध-शहरी क्षेत्र में 50 रुपये और ग्रामीण क्षेत्र में 20 रुपये हर महीने शुल्क लेगा।
सुकन्या समृद्धि योजना में नहीं मिलेगी राहत
कोरोना संकट के बीच सरकार ने एलान किया था कि 25 मार्च से 30 जून 2020 के दौरान जो बच्चियां 10 वर्ष की हो गईं, उनका सुकन्या समृद्धि योजना में खाता 31 जुलाई तक खुलवाया जा सकता है। एक अगस्त 2020 से इसका लाभ नहीं मिलेगा। मालूम हो कि सुकन्या समृद्धि खाता केवल जन्म की तारीख से 10 वर्ष की आयु तक ही खोले जा सकते हैं।
ई-कॉमर्स कंपनियों को बताना होगा किस देश में बना है सामान
केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों को लेकर नए नियमों की अधिसूचना जारी कर दी है। अब ई-कॉमर्स कंपनियों पर मिलने वाले उत्पादों पर यह लिखना जरूरी है कि सामान कहां बना है। अगर कोई कंपनी इस नियम का पालन नहीं करती तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
ज्यादातर कंपनियों ने पहले ही यह जानकारी देना शुरू कर दी है। इनमें फ्लिपकार्ट, मिंत्रा और स्नैपडील जैसी कंपनियां शामिल हैं। DPIIT ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को 1 अगस्त तक अपने न्यू प्रॉडक्ट लिस्टिंग के कंट्री ऑफ ओरिजन अपडेट करने के लिए कहा है। इससे मेक इन इंडिया उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा।