यह पितृ पक्ष का समय चल रहा है और इन दिनों पितरों के निमित्त श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि मृत्यु लोक से पितृदेव धरती लोक में आते हैं। उन्हीं के लिए श्राद्ध कर्म किये जाते हैं। लेकिन श्राद्ध कर्म तब तक पूरा नहीं होता है जब तक उसमें पांच चीजें शामिल न की जाएं। श्राद्ध में ये पांच चीजें बेहद जरूरी मानी जाती हैं। आइए जानते हैं ये पांच चीजें कौन-कौनसी हैं…
पितृ पक्ष में तिल का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि तिल का संबंध भगवान विष्णु जी से है। तिल भगवान विष्णु के पसीने से उत्पन्न हुआ था। इसलिए तिल को पवित्र माना जाता है। तिल से श्राद्ध करने पर पितरों की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है। तिल का दान करने से दानव, असुर दैत्य भी भाग जाते हैं।
श्राद्ध में अक्षत जरूर चढ़ाना चाहिए। यह पितरों के लिए सबसे पहला भोज माना जाता है। अक्षत मिलाकर ही पिंड तैयार किया जाता है। चावल के बने पिंड से पितर लंबे समय तक संतुष्ट रहते हैं।
श्राद्ध में कुश भी जरूरी है। कुश का अर्थ घास होता है। हिन्दू पूजा-पाठ में कुश को पवित्र मानकर प्रयोग किया जाता है। पौराणिक शास्त्रों में कुश को लेकर ऐसा कहा गया है कि कुश का जन्म भगवान विष्णु के रोम से हुआ है। कुश से दिया गया जल सीधे पितरों को प्राप्त होता है।
श्राद्ध में संतान द्वारा दिया गया जल पितरों के लिए अमृत के समान होता है। इस जल से उन्हें संतुष्टि मिलती है। शास्त्रों के अनुसार जल ही है जो जन्म से लेकर मोक्ष तक साथ देता है।