आज के दिन यानि 30 जुलाई को इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पर इतिहास में हुई मित्रत्ता को याद करके अपने आने वाली पीड़ियों को दोस्ती की असली पहचान से रूबरू करवाना चाहिए।
सुदामा और कृष्ण की मित्रता के चर्चे तो हम सभी ने सुना है। कृष्ण और सुदामा की दोस्ती आचार्य संदीपन के आश्रम से शुरू हुई थी। सुदामा की सादगी और सहजता ने कृष्ण को प्रभावित किया। दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए। आज भी लोगो के दिलो में यह दोस्ती की याद है।
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भारतीय इतिहास और पुराणों में कर्ण और दुर्योधन की मित्रता बेमिसाल रही है। इसमें कर्ण ने अपने दोस्त के लिए जीवन तक बलिदान कर दिया। यह महाभारत के समय की दोस्ती थी। यह दोस्ती इतिहास के पन्नो में दर्ज हो गयी थी।
भारतीय पुराणों में एक और मैत्री को पवित्र रूप में देखा जाता है। वो है राम और सुग्रीव की मित्रता। सीता के हरण के बाद तलाश में भटक रहे राम और लक्ष्मण की ऋषिमुख पहाडिय़ों पर सुग्रीव से मुलाकात हुई। वो फिर मित्रता के ऐसे बंधन में बंधे कि निस्वार्थभाव से जीवनभर एक-दूसरे का साथ निभाते रहे।
आज के दिन यानि 30 जुलाई को इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पर इतिहास में हुई मित्रत्ता को याद करके अपने आने वाली पीड़ियों को दोस्ती की असली पहचान से रूबरू करवाना चाहिए।