आज अस्वस्थ जीवनशैली के कारण उत्पन्न बीमारियों में से सबसे बड़ी बीमारी मोटापा (Fat) है। भारत में अनेक लोग मोटापा के शिकार हैं। मोटापे के कारण शरीर में कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं। जब परेशानियां बढ़ने लगती हैं तो लोग मोटापा कम करने के लिए उपाय खोजने लगते हैं। हेल्दी वेटलॉस एक अच्छी बैलेंस डाइट और एक्सरसाइज से पाया जाता है लेकिन आज हम आपको कुछ मसालों के बारे बताने जा रहे है जो आपके मेटाबॉल्जिम को बूस्ट करने में तो मदद करते ही है साथ ही आपके पेट की चर्बी (Belly Fat) को भी कम करने में मदद करता है। तो आइए जानते हैं इन मसालों के बारे में…
हल्दी
सेहत के लिए हल्दी के कई सारे फायदे हैं. हल्दी एंटी बैक्टीरियल, एंटी वायरल, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा से भरपूर होती है। ये आपके शरीर को गर्म रखता है। ये पाचन तंत्र को बेहतर कर मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में मदद करता है। जिससे आपकी पेट की चर्बी (Belly Fat) आसानी से कम हो सकती है। आप हल्दी का इस्तेमाल करी, चाय और पानी के साथ मिलाकर कर सकते हैं। इसके अलावा हल्दी का सेवन करने से हृदय रोग में भी बहुत फायदा मिलता है और अगर आपके घर में भी कोई हृदय रोग से परेशान है तो उसके डाइट में हल्दी जरूर शामिल करें। इसके साथ ही अगर आपको ओरल हेल्थ से जुड़ी कोई भी परेशानी हो तो हल्दी का इस्तेमाल काफी लाभदायक होगा। हल्दी में एंटीबैक्टीरियल एक्टिविटी पाई जाती है। इस कारण जब आप हल्दी का सेवन करते हैं तो यह मुंह में मौजूद बैक्टीरिया को मारने के लिए सक्रिय रूप से कार्य करता है और ओरल हेल्थ में काफी मददगार साबित हो सकता है। हल्दी का सेवन आपको कैंसर से भी बचाता है. दरअसल, हल्दी में एंटी कैंसर एक्टिविटी पाई जाती है जो कैंसर से बचाए रखने में काफी मददगार साबित हो सकती है। इसलिए आप अपनी डायट में हल्दी का सेवन किसी न किसी खाद्य पदार्थ के जरिए अवश्य करें।
दालचीनी
दालचीनी का इस्तेमाल कई तरह के पकवान में किया जाता है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। रोजाना दालचीनी का पानी पीने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और वजन घटाने में मदद करता है। अगर कोई व्यक्ति इंसुलिन रजिस्टेंट है तो उसके द्वारा खाया गया कार्ब्स शुगर में बदल जाता है, क्योंकि ये सही से मेटाबॉल्जिाइज्ड नहीं होता और फैट में बदल जाता है। दालचीनी इस साइकिल को तोड़ने में मदद करता है और आपका वजन आसानी से घट जाता है। एक चम्मच दालचीनी पाउडर को एक गिलास जल में उबालकर आंच से उतार लें। इसके बाद उसमें दो बड़े चम्मच शहद मिलाकर सुबह नाश्ता करने से आधा घंटा पहले पिएं। रात को सोने से पहले भी इसका सेवन करना दुगुना फायदेमंद होता है, और अतिरिक्त चर्बी धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है। इसके साथ ही दालचीनी का प्रयोग कैंसर जैसे रोग पर नियंत्रण पाने में सक्षम है। वैज्ञानिकों ने अमाशय के कैंसर और हड्डी के बढ़ जाने की स्थति में दालचीनी और शहद को लाभदायक बताया है। इसके साथ ही दालचीनी का सेवन हृदय को स्वस्थ बनाए रखने और हृदय रोगों पर नियंत्रण रखने में फायदेमंद है। यह हृदय की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल को जमने से रोकता है।
सौंफ
सौंफ का इस्तेमाल हर घर में किया जाता है। रेस्तरां और दूसरी जगहों पर खाने के बाद सौंफ दिया जाता है। ये आपके पाचन के लिए अच्छा होता है। सौंफ आपके भूख को लंबे समय तक शांत रखने में मदद करता है। इसका इस्तेमाल चाय, करी और सुबह के समय में पानी के साथ मिलकार पी सकते हैं। सौंफ में विटामिन ए, सी, डी और एंटी ऑक्सीडेंट का अच्छा स्त्रोत हैं जो वजन घटाने में मदद करता है। इसके साथ ही सौफ के सेवन से स्मरण शक्ति भी बढ़ती है। इसके लिए बादाम, सौंफ और मिश्री को समान मात्रा में पीस लें। रोज रात को और दोपहर इसका सेवन करे। सौंफ खाने से आंखों की ज्योति भी बेहतर होती है। आप चाहें तो इसे मिश्री के साथ भी ले सकते हैं।
जीरा
जीरा एक बेहतरीन एंटी-ऑक्सिडेंट है। जीरा में फाइबर भी पाया जाता है और यह आयरन, कॉपर, कैल्शियम, पोटैशियम, मैगनीज, जिंक व मैगनीशियम जैसे मिनरल्स का अच्छा सोर्स भी है। इसमें विटामिन ई, ए, सी और बी-कॉम्प्लैक्स जैसे विटामिन भी खासा मात्रा में पाए जाते हैं। अगर आप वजन घटाना चाहते हैं तो हर रोज रात को एक चम्मच जीरा भीगने को दें और सुबह पानी के साथ मिलाकर पीएं। ये आपके पेटी की चर्बी को कम करने में मदद करता है। आप इसका इस्तेमाल सूप, दाल, करी में कर सकते हैं। इसके साथ ही पेट और पाचन क्रिया के लिए जीरा बहुत अच्छा होता है। पेट दर्द, अपच, डायरिया, मॉर्निंग सिकनेस में इसका सेवन जरूर करना चाहिए। एक गिलास पानी में एक छोटा चम्मच भुने जीरे का पाउडर मिलाकर पिएं। छाछ में भुना जीरा और काली मिर्च डालकर पीने से पेट संबंधी कई समस्याएं नहीं होतीं। जिन लोगों को नींद नहीं आती उनके लिए भी जीरा फायदेमंद है। एक पके केले को मसल लें और उसमें भुना जीरा डालकर खाएं। इससे नींद अच्छी आएगी।
मेथी
मेथी के दाने में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है जो आपकी भूख को लंबे समय तक शांत रखता है और आपको अधिक खाने से भी रोकता है। मेथी आपकी डाइट में फैट और कैलोरी की मात्रा को कम करने में मदद करता है। ये आपकी क्रेविंग को कम करने में मदद करता है जो वजन घटाने वालों के लिए सबसे बड़ी मुश्किल है। मेथी की सब्जी में अदरक, गर्म मसाला रखकर खाने से निम्न रक्तचाप, कब्ज में फायदा होता है। मेथी में मौजूद पाचक एंजाइम अग्नाशय को अधिक क्रियाशील बना देते हैं। इससे पाचन क्रिया अत्यंत सरल हो जाती है। यदि मेथी के कुछ दाने रोज लिए जाएं तो मानसिक सक्रियता बढ़ती है।
लाल मिर्च
लाल मिर्च भारतीय खाने में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाती है। भारतियों को तीखा खाना बहुत पसंद है और यह केवल लाल मिर्च से ही हो सकता है। आपको बता दें कि लाल मिर्च में Capsaicin एक ऐसा कॉम्पोनेंट होता है जो thermogenic प्रॉपर्टीज से भरपूर होता है। जब आप इस आपनी डाइट में शामिल करती हैं तो यह आपकी बॉडी में हीट पैदा करता है और इससे आपके शरीर के मेटाबॉलिजम रेट को बढ़ावा मिलता है। यह आपके शरीर से 100 कैलोरीज बर्थ करता है। यह आपकी भूख को भी शांत करती है। इसके साथ ही आपके शरीर में मौजूद फैट भी इससे कम होता है।
अदरक
अदरक धरती पर मौजूद सबसे ज्यादा स्वास्थ्यप्रद मसालों में से एक है। अदरक भी खाने के स्वाद को बढ़ाती है। इसमें बहुत सारी मैडिकल प्रॉपर्टीज होती हैं। यह आपकी भूख को कम करती हैं और मेटाबॉलिजम रेट को बूस्ट करती हैं। इसमें Gingerol कॉम्पोनेंट होता है जो आपके शरीर के फैट को बर्न करता है। इसके अलावा हाई कोलेस्ट्रॉल वाले व्यक्तियों को रोजाना 3 ग्राम अदरक पाउडर का सेवन करना चाहिए, इससे इसमें राहत मिलती है।
काली मिर्च
काली मिर्च के काफी अधिक औषधीय लाभ हैं। यह वात और कफ को नष्ट करती है और कफ तथा वायु को निकालती है। यह भूख बढ़ाती है, भोजन को पचाती है, लीवर को स्वस्थ बनाती है और दर्द तथा पेट के कीड़ों को खत्म करती है। इसके साथ ही ये फैट बर्न करने की अनोखी क्षमता रखती है। यह फैट सेल्स को भी बनने से रोकता है। इसमें piperine की अच्छी मात्रा होती है जो वजन को बढ़ने से रोकती है। काली मिर्च आपकी पाचन शक्ति को भी इंप्रूव करती है। इसे आप खाने में उपर से डाल कर खाती हैं तो इससे आपके खाने का स्वाद भी बढ़ जाता है। इसके अलावा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काली मिर्च का सेवन फायदेमंद रहता है। इसके अलावा काली मिर्च में मौजूद कार्डियोप्रोटेक्टिव एक्टिविटी दिल की गंभीर बीमारियों का जोखिम भी कई गुना तक कम कर देती है। काली मिर्च का सेवन करने के लिए आप काली मिर्च पाउडर को गर्म पानी में उबालकर शहद के साथ भी पी सकते हैं।
इलाइची
इलायची के गुण सिर्फ मुंह की बदबू दूर करने और व्यंजनों की खुशबू बढ़ाने तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह सर्दी-खांसी, पाचन से जुड़ी समस्याएं, उल्टी, मूत्र से जुड़ी समस्याएं आदि के उपचार में बहुत कारगर है। इलायची में कार्बोहाइड्रेट, डाइटरी फाइबर, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन और फॉस्फोरस मुख्य रुप से पाए जाते हैं। इनके अलावा भी इलायची में कई अन्य पोषक तत्व होते हैं जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। इलाइची बॉडी को डीटॉक्स करती है और मेटाबॉलिजम रेट को बढ़ाती है। इसे अपनी डाइट में शामिल करेंगी तो यह आपकी पाचन शक्ति को भी मजबूत बनाती है।इलायची में ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो पाचन तंत्र को दुरुस्त रखते हैं और पेट की जलन को कम करते हैं। जिससे एसिडिटी, अपच जैसी समस्याओं से आराम मिलता है।