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आपका वजन बढ़ने के पीछे हो सकते हैं ये कारण, जानकर चौंक जाएंगे

अगर आपका वजन भी अधिक है, और आप इसकी वज़ह से परेशान हैं तो जाहिर है कि आप इसकी वजहें जानने के बेहद इच्छुक होंगे और आपको होना भी चाहिए क्योंकि इसके कारण कई बीमारियां जैसे हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर आदि हो सकती हैं। इसके अलावा आपको पता भी होना चाहिये कि आपके मोटापे और वज़न बढ़ने के पीछे क्या कारण और दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

वज़न बढ़ने के कारण

खान-पान

वज़न बढ़ने का सबसे प्रमुख कारण होता है अनियमित और खराब खान-पान। यदि आप इस बात की जानकारी रखें कि आपके शरीर को रोज कितनी कैलोरी की जरूरत है और फिर उतना ही खाएं तो आपका वजन नहीं बढेगा।

अनुवांशिक कारण

अगर माता-पिता में से किसी एक का भी वज़न बहुत अधिक हो तो संतान का वज़न भी ज्यादा होने की सम्भावना बढ़ जाती हैं। जैनेटिक्स का असर इंसान की भूख, उसके शरीर में फैट और मांसपेशियों पर भी पड़ता है।

कुशिंग सिंड्रोम

कुशिंग सिंड्रोम एक ऐसी समस्‍या है जो शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का स्‍तर बढ़ जाने पर होती है। इसके होने पर चहरे और कमर के ऊपरी हिस्‍से में चर्बी बढ़ जाती है, लेकिन हाथ और पैर पतले ही रहते हैं। कुशिंग सिंड्रोम की स्थिति में शरीर पोषक तत्‍वों का ठीक प्रकार से इस्‍तेमाल नहीं कर पाता।

नींद की कमी

नींद की कमी का असर सीधा स्‍वास्‍थ्‍य पर पड़ता है और यह मोटापे का कारण भी बनता है। नींद के अभाव में आप थकान व तनाव महसूस होती है। थकान के कारण तनाव भी अधिक होता है, ऐसे में कई बार लोग ज्‍यादा भोजन करने लगते हैं, जिससे शरीर में कैलोरी की मात्रा अधिक हो जाती है। इससे मेटाबॉलिज्‍म पर भी असर पड़ता है और वज़न बढ़ने लगता है।

दवाओं के सेवन से

कई बार लोग डिप्रेशन, माइग्रेन या रक्‍तचाप आदि की समस्‍या में दवाओं का लगातार सेवन करने लगते हैं। देखा गया है कि कई प्रकार की दवाओं का सेवन भी वजन बढ़ने का कारण बन जाता है।

तनाव भी हो सकता है कारण

आज के इस नए दौर में आगे बढ़ना जीवन की जरूरत बन गयी है, लेकिन इस प्रतिस्‍पर्धा के चलते हमारे मूड और भावनाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। शोध बताता हें कि वे लोग जो ज्‍यादा तनाव में रहते हैं, उन्‍हें पाचन संबंधी समस्या अधिक रहती हैं। मेटाबॉलिज्‍म के सही काम न करने के कारण उनके शरीर में कोर्टिसोल, लैप्टिन और अन्‍य प्रकार के हार्मोन बढ़ जाते हैं जो कि मोटापे का कारण बनते हैं।

गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान वज़न का बढ़ना एक सामान्य प्रक्रिया है। आमतौर पर इस दौरान किसी भी महिला का वज़न 5 से 10 किलो तक बढ़ जाता है, जो कि शिशु को पोषण देने के लिए ज़रूरी है। लेकिन कई बार मिलाएं दो पेट भरने (अपने व गर्भ में पल रहे शिशु का) के चक्कर में ज्यादा खाने लगती हैं और मोटी हो जाती है।

काम का अधिक दबाव

निश्चित समय सीमा में काम पूरा करने के लिए मेज एवं कुर्सी से चिपके रहना और यात्रा करते समय ज्यादा खाना खाना जैसी आदतों के कारण आधुनिक कामकाजी लोगों में मोटापा बढ़ सकता है।

खाने की लत

लक्जमबर्ग के युनिवर्सिटी ऑफ लक्जमबर्ग में नैदानिक और स्वास्थ्य मनोविज्ञान के प्रोफेसर क्लॉस के अनुसार कुछ लोगों को ज्यादा खाने की सहज, मनोवैज्ञानिक आदत हो सकती है। जिस कारण उनका वजन तेजी से बढ़ने लगता है।

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