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कोविड-19 को देखते हुए प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था पर कड़ी निगरानी के ये नियम

कड़ी निगरानी के ये नियम

कड़ी निगरानी के ये नियम

अयोध्या: राम मंदिर के भूमिपूजन में अब सिर्फ 24 घंटों का वक्त बचा है। भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान कल बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी राम मंदिर की नींव रखेंगे। इसी बीच अयोध्या में एसपीजी ने सुरक्षा संभाल ली है। अयोध्या की सीमा सील कर दी गई है। 5 अगस्त तक बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। स्थानीय निवासियों को पहचान पत्र रखना अनिवार्य है।

राम मंदिर के भूमि पूजन में यूं तो सिर्फ 175 अतिथियों को निमंत्रण दिया गया है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या में 137 करोड़ भारतीयों का प्रतिनिधित्व करेंगे। कुछ कार सेवकों के परिवार के सदस्यों को भी निमंत्रण दिया गया है।

राम मंदिर के भूमिपूजन में देशभर से 2000 पवित्र स्थान से मिट्टी और जल अयोध्या पहुंचा है। 100 से अधिक नदियों का जल अयोध्या लाया गया है। अयोध्या में भूमि पूजन के दौरान 9 शिला के पत्थर भूमि पूजन में रखे जाएंगे।

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9 शिला 1989-90 के दौरान राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी हैं। 9 शिलाओं में से एक शिला को गर्भगृह में रखा जाएगा, बाकी 8 अन्य स्थानों पर। 9 शिलाओं का इस्तेमाल नक्शा पास होने के बाद मंदिर निर्माण के वक्त किया जाएगा।

भूमिपूजन कार्यक्रम के दौरान मंच पर सिर्फ पांच लोग ही होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास मंच पर रहेंगे।

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया की वरिष्ठ बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी आयु ज्यादा होने की वजह से नहीं आ पाएंगे जबकि बीजेपी नेता उमा भारती ने बताया कि वो कोरोना की वजह से सरयू किनारे रहकर ही कार्यक्रम की गवाह बनेंगी।

रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय के मुताबिक, भूमिपूजन कार्यक्रम के दौरान कल कोविड-19 के प्रोटोकॉल के साथ ही प्रधानमंत्री की सुरक्षा को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था काफी सख्त रहेगी। सभी निमंत्रण प्राप्त लोगों को सुबह 10:30 बजे तक आना अनिवार्य है। इसके बाद प्रवेश नहीं मिलेगा। सभी अतिथियों को प्रधानमंत्री के आगमन के दो घंटे पहले तक पहुंचना होगा।

उन्होंने कहा कि जिन लोगों को आमंत्रित किया गया है उनको कार्ड मिल जाएगा। इस कार्ड के आधार पर कोई दूसरा व्यक्ति उनकी जगह नहीं आ सकता है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कोई वाहन पास जारी नहीं किया गया है। वाहनों को कार्यक्रम स्थल से दूर ही रखा जाएगा।

हनुमानगढ़ी में आज सुबह 10 बजे निशान पूजन होगा। निशान पूजन से हनुमान जी सरकार की अनुमति ली जाएगी। राम मंदिर निर्माण में निशान हनुमानगढ़ी का निशान पूजन का महत्व है। हनुमानगढ़ी का निशान 1700 वर्ष पुराना है। राम जन्मभूमि ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ अनिल मिश्र निशान पूजन करेंगे।

राम जन्मभूमि परिसर में आज राम अर्चना होगी। रामर्चान पूजन के माध्यम से भगवान श्रीराम को प्रसन्न किया जाएगा। भगवान श्री राम की प्रसन्नता के लिए रामर्चान पूजन विशेष तरीके का पूजन होता है. वाराणसी, अयोध्या, दिल्ली, हरिद्वार दक्षिण भारत के संत रामर्चान पूजन करेंगे।

 

 

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