• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

अमरनाथ गुफा तक पहुंचने से पहले पार करने होते हे इतने पड़ाव, जानें इनसे जुड़ी दिलचस्प बातें

Writer D by Writer D
04/07/2023
in Main Slider, धर्म, फैशन/शैली, यात्रा
0
Amarnath Yatra

amarnath yatra

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

बाबा भोलेनाथ की अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) 01 जुलाई से शुरू होने वाली है। जैसा की आप जानते हैं कि बाबा बर्फानी (Baba Barfani) के नाम से मशहूर अमरनाथ धाम का इतिहास काफी सदियों पुराना है। माना जाता है कि भगवान शिव ने यहां माता पार्वती को अपने अमर होने का रहस्य बताया था। कहते हैं कि अमरनाथ में जाकर हिमलिंग के दर्शन मात्र करने से ही इंसान के सभी पाप धूल जाते हैं। इस साल अमरनाथ यात्रा 30 जून 2022 से शुरू होकर 11 अगस्त 2022 यानी रक्षाबंधन तक चलने वाली है। बाबा अमरनाथ की गुफा समुद्र तल से करीब 3,800 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। गुफा में मौजूद शिवलिंग की खासियत है कि ये खुद-ब-खुद बनता है। ऐसा कहा जाता है कि कहा जाता है कि चंद्रमा के घटने-बढ़ने के साथ-साथ इसके शिवलिंग के आकार में बदलाव आता है। अमरनाथ का शिवलिंग ठोस बर्फ से निर्मित होता है।

अमरनाथ की यात्रा (Amarnath Yatra) काफी कठिन है, जिसमें आपको पहले 6 पड़ाव पूरे करने पड़ते हैं। आपको बता दें, इन पड़ावों का अपना अलग ही महत्व हैं। चलिए आपको अमरनाथ यात्रा को लेकर कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं।

amarnath yatra 2022,registration for amarnath yatra 2022,places before amarnath yatra,amarnath travel,travel news,travel tips

पहलगाम

सड़क के रास्ते अमरनाथ पहुंचने के लिए पहले जम्मू तक जाना होगा फिर जम्मू से श्रीनगर तक का सफर करना होगा। श्रीनगर से आप पहलगाम या बालटाल पहुंच सकते हैं। श्रीनगर से पहलगाम करीब 92 किलोमीटर और बालटाल करीब 93 किलोमीटर दूर है। लिद्दर और अरु नदियां और ऊंचे पहाड़ घाटी देखने में बेहद ही खूबसूरत लगते हैं। ऐसा माना जाता है कि जब भगवान शिव माता पार्वती को अपने अमर होने की कथा सुनाने वाले थे, तो उन्होंने पहले किसी गुप्त जगह की तलाश की, इस दौरान उन्होंने नंदी को पहले छोड़ दिया था। नंदी को उन्होंने जिस जगह पर छोड़ा था, उसे पहलगाम के नाम से जाना जाने लगा। यहीं से अमरनाथ यात्रा की शुरुआत होती है। ठहरने के लिए यहां कई अच्छे होटल भी उपलब्ध भी हैं, जहां आप कुछ देर के लिए आराम भी कर सकते हैं।

amarnath yatra 2022,registration for amarnath yatra 2022,places before amarnath yatra,amarnath travel,travel news,travel tips

चंदनबाड़ी

पहलगाम से चंदनवाड़ी की दूरी 16 km है। पहलगाम से चंदनवाड़ी पहुंचने के लिए मिनी बसें चलती हैं। ये ट्रेल एक शानदार प्राकृतिक नजारों के साथ लिद्दर नदी से घिरा हुआ है। आपको बता दें, माता पार्वती को अमर कथा के बारे में बताने के लिए भगवान शिव पहलगाम के बाद आगे बढ़े और कुछ ही दूरी पर जाकर उन्होंने अपनी जटाओं से चन्द्रमा को अलग कर दिया। माना जाता है कि जिस जगह पर उन्होंने चन्द्रमा को अपनी जटा से अलग किया था वो चंदनबाड़ी ही है। इस जगह पर भगवान शिव ने चंद्रमा के साथ-साथ अपने माथे पर लगी चंदन और भभूत को भी उतार दिया। दिलचस्प बात तो ये है कि यहां आने वाले यात्री अपने माथे पर मिट्टी लगाकर आगे बढ़ते हैं।

amarnath yatra 2022,registration for amarnath yatra 2022,places before amarnath yatra,amarnath travel,travel news,travel tips

​पिस्सू घाटी

जैसे ही आप चंदनवाड़ी के आगे बढ़ेंगे कुछ ऊंचाई पर आपको मिलेगी पिस्सू घाटी । ऐसा कहा जाता है कि यात्रा करते यात्रियों की चाल पिस्सू जैसी हो जाती है, इस वजह से इसे पिस्सू घाटी कहते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि एक बार देवता और राक्षस भगवान शिव के दर्शन करने के लिए इस जगह पर आए थे। लेकिन पहले आगे बढ़ने की जलन ने देवता और राक्षसों के बीच युद्ध छेड़ दिया। देवताओं ने राक्षसों को पिस्सू की तरह मारा था, इस वजह से भी इस जगह का नाम पिस्सू घाटी रखा गया है।

amarnath yatra 2022,registration for amarnath yatra 2022,places before amarnath yatra,amarnath travel,travel news,travel tips

शेषनाग झील

पिस्सू घाटी से कुछ आगे आती है शेषनाग झील। ऐसा माना जाता है कि इस झील में शेषनाग का वास है। अमरनाथ की यात्रा (Amarnath Yatra) करते समय शिवजी ने अपने गले से सांप उतार दिया था। ऐसा माना जाता है कि 24 घंटे में से एक बार शेषनाग इस जगह पर दर्शन देने के लिए आते हैं। इस झील का आकार भी आपको नाग के जैसा ही दिखाई देगा, जिसे देखकर लगेगा मानों शेष नाग फन फैलाकर बैठे हो।

amarnath yatra 2022,registration for amarnath yatra 2022,places before amarnath yatra,amarnath travel,travel news,travel tips

​महागुणस पर्वत (गणेश टॉप)

शेषनाग पड़ाव के बाद अब आता है महागुणस पर्वत। ये इतना बड़ा पर्वत हरे और भूरे रंग का दिखाई देता है, साथ ही इसका आकार भी काफी देखने लायक है। ऐसा कहा जाता है कि भोलेनाथ ने यहां अपने पुत्र गणेश को बैठा दिया था, इसलिए इस जगह को महागुणस पर्वत के साथ-साथ गणेश टॉप भी कहते हैं।

amarnath yatra 2022,registration for amarnath yatra 2022,places before amarnath yatra,amarnath travel,travel news,travel tips

पंचतरणी

शेषनाग से 4.6 किलोमीटर के लिए अब आपको एक खड़ी ऊंचाई पर चढ़ना पड़ता है और फिर 3657 मीटर (12000 फीट) की ऊंचाई पर पंजतरणी की घास की भूमि पर उतरना पड़ता है। ये रास्ता नालों और झरनों से भरा है। पंजतरणी में, भैरव पर्वत के चरणों में, 5 नदियां बहती हैं जो स्पष्ट रूप से भगवान शिव के बालों (जटाओं) से उत्पन्न हुई हैं।

amarnath yatra 2022,registration for amarnath yatra 2022,places before amarnath yatra,amarnath travel,travel news,travel tips

बाबा बर्फानी की गुफा

इन पड़ावों के बाद अब आखिर में आती है बाबा बर्फानी की गुफा। यहां पैदल चलने का रास्ता भी बर्फ के पुल से होकर जाता है। पुल के नीचे अमरावती नदी बहती है और ऊपर बर्फ जमी रहती है। बर्फानी शिवलिंग पर्वत के बीच बनी 20 फ़ीट लंबी 30 फ़ीट चौड़ी और लगभग 15 फ़ीट ऊंची गुफा के अंदर भगवान शिव का प्राकृतिक शिवलिंग है। यह शिवलिंग पक्की बर्फ से किस तरह बनता है, ये आज भी एक रहस्य बना हुआ है। अमरनाथ गुफा करीबन 160 फुट लंबी और 100 फुट चौड़ी है।

माना जाता है कि अमरनाथ गुफा की खोज बूटा मलिक नाम के एक मुस्लिम शख्स ने की थी। ये शख्स अपनी भेड़, बकरी को इस जगह चरा रहा था। उसी समय बूटा की मुलाकात एक साधु से हुई। साधु ने बूटा को कोयले से भरा एक बैग भेंट में दिया था। बूटा ने घर पहुंचकर जब बैग खोलकर देखा तो कोयले को सोने के सिक्कों में बदला हुआ पाया। इसे देखकर बूटा हैरान हो गया और साधु का धन्यवाद करने के लिए वो उस जगह दोबारा पहुंचा। वहां पहुंचने पर उसने साधु की जगह गुफा को पाया। उसी समय से ये गुफा एक तीर्थ स्थान में बदल गया। अमरनाथ गुफा में शिवलिंग के पास पानी बहता है। लेकिन अब तक इस बात पता नहीं लग पाया है कि पानी कहां से आता है।

मान्यता है कि अमरनाथ गुफा 5000 साल पुरानी है। इस गुफा में मौजूद शिवलिंग को ‘स्वयंभू’ कहा जाता है क्योंकि इस शिवलिंग का निर्माण खुद से होता है। अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) का सारा प्रबंध अमरनाथ श्राइन बोर्ड द्वारा किया जाता है। श्राइन बोर्ड यहां दर्शन के लिए आने वाले सभी श्रद्धालुओं की सुविधा का खास ख्याल रखता है।

Tags: amarnath travelAmarnath YatraAmarnath Yatra 2023AstrologyAstrology tipsbaba barfaniplaces before amarnath yatraregistration for amarnath yatra 2023travel newsTravel tips
Previous Post

मॉनसून में और बढ़ जाती हैं उत्तराखंड की खूबसूरती, लेकिन इन जगहों पर घूमना पड़ सकता है भारी

Next Post

Sawan Special: शिव की इन ऊंची प्रतिमाओं को देखकर लगता हैं साक्षात भोलेनाथ है खड़े

Writer D

Writer D

Related Posts

फैशन/शैली

ब्लड शुगर को कंट्रोल करेगा इन बीजों का सेवन

13/06/2025
sunlight therapy
फैशन/शैली

शरीर के लिए फायदेमंद है सुबह की धूप

13/06/2025
makeup
Main Slider

थकान भरी आंखें बिगाड़ देती हैं मेकअप, तो अपनाएं ये टिप्स

13/06/2025
CM Vishnu Dev Sai
Main Slider

बच्चों के सर्वांगीण विकास का एक सशक्त माध्यम सिद्ध होगा केशव भवन: CM साय

12/06/2025
cm yogi
Main Slider

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अहमदाबाद प्लेन क्रैश की घटना पर जताया दु:ख

12/06/2025
Next Post
Masik Shivratri

Sawan Special: शिव की इन ऊंची प्रतिमाओं को देखकर लगता हैं साक्षात भोलेनाथ है खड़े

यह भी पढ़ें

Hairstyles

चेहरे के अनुसार चुने हेयरस्टाइल, मिलेगा परफेक्ट लुक

04/07/2024
Maha Kumbh

महाकुंभ 2025 रोडशोः योगी के मंत्रियों ने मध्य प्रदेश की जनता को दिया महाकुंभ में आने का निमंत्रण

16/12/2024
स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन

कोरोना से जंग जीत कर आए स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन फिर संभालेंगे कामकाज

20/07/2020
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version