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इस बीमारी में नहीं खानी चाहिए ये चीजें, सेहत को होगा नुकसान

Thyroid

Thyroid

थायरॉइड (Thyroid) की समस्या तेजी से बढ़ रही है। भारत में हर दसवां शख्स इस बीमारी का शिकार है। इसका प्रमुख कारण खराब खानपान के साथ ही तनाव है। यह बीमारी गले में तितली के आकार की ग्रंथी में उबरती है। थायरॉइड हार्मोन बॉडी की ऊर्जा को कंट्रोल करने का काम करता है। इस समस्या के बढ़ने पर वजन तेजी से कम और ज्यादा होता है। इसके साथ ही मोटापे से लेकर डायबिटीज का खतरा भी होने लगता है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में थायरॉइड का खतरा ज्यादा होता है। इस बीमारी से ग्रस्त लोगों को अपने स्चास्थ्य का थोड़ा ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है। थायराइड ग्रंथि को काम करने के लिए पर्याप्‍त मात्रा में आयोडीन की जरूरत होती है। जब शरीर को आयोडीन कम मात्रा में मिलता है तो हाइपोथाइराइडिज्‍म होने का जोखिम बढ़ जाता है। इसकी वजह खानपान के छोटी से छोटी चीज का असर थायरॉइड पर पड़ना है। थायराइड (Thyroid) दो प्रकार के होते हैं हायपरथायराइड और हाइपोथाइराइड. थायराइड होने पर पेशेंट को कई प्रकार की समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कुछ चीजों के सेवन करने से ही थायरॉइड की समस्या और भी घातक हो सकती है।

थायराइड (Thyroid) को कंट्रोल करने के लिए प्रॉपर मेडिसिन के साथ हेल्‍दी डाइट पर फोकस करना होगा। थायराइड खाने की कई चीजों के साथ ट्रिगर कर सकता है इसलिए खाने से हाई कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को कम किया जाना फायदेमंद हो सकता है. डाइट से कुछ चीजों को हटाने से भी फायदा हो सकता है। आइए डालते हैं एक नजर उन चीजों पर जिन्हें थायराइड के चलते अपने खानपान में शामिल नहीं करना चाहिए।

सोया फूड्स को डाइट में न करें शामिल

थायरॉइड (Thyroid) पेशेंट्स को अपनी डाइट से सोया मिल्क, टोफू को निकाल देना चाहिए। इनके सेवन से हाइपोथायरायडिज्म थायरॉइड ग्रंथि बहुत कम हॉर्मोन का उत्पादन करती है। इसकी वजह से बॉडी को पर्याप्त मात्रा में एनर्जी नहीं मिलत पाती। इसके साथ ही सोयाबीन में बहुत अधिक मात्रा में फायटोएस्ट्रोजन और फैट पाया जाता है। यह थायरॉइड हार्मोस बनाने में एंजाइम की फंक्शनिंग को खराब करता है, जिससे थायरॉइड पेशेंट्स को दिक्कत होने लगती है।

ज्यादा मूली का सेवन भी है नुकसानदायक

मूली में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह स्वास्थ्य के लिए तो बहुत ही फायदेमंद हैं, लेकिन थायरॉइड के मरीजों के लिए नुकसानदायक होती है। इससे बचने के लिए डाइट में नारियल पानी, मखाने, करी पत्ता और धनिये का सेवन कर सकते हैं। इनसे थायरॉइड कंट्रोल में रहता है।

ग्‍लूटन

थायराइड (Thyroid) से पीड़ित लोगों को ग्‍लूटन का प्रयोग कम मात्रा में करना चाहिए। हालांकि ग्‍लूटन जौ, गेहूं, मैदा, ओट्स और साबुत अनाज से मिलता है जिसे पूरी तरह से खाने से हटाना मुमकिन नहीं है। थायराइड होने पर इन चीजों के सेवन में कमी की जा सकती है। ग्‍लूटन हाई प्रोटीन होता है जो शरीर में मोटापा, डायबिटीज और हाईबीपी को बढ़ावा दे सकता है।

फास्‍ट फूड

फास्‍ट फूड को थायराइड के लिए सबसे अनहेल्‍दी माना जाता है। फास्‍ट फूड में आयो‍डीन की कमी होती है जो थायराइड को बढ़ा सकती है। अमेरिकन थायराइड एसोसिएशन के अनुसार रेस्‍तरां में बनने वाले फूड आइटम्‍स में बहुत कम मात्रा में आयो‍डीन सॉल्‍ट का प्रयोग किया जाता है। इसमें मौजूद सैक्रीन थायराइड की समस्‍या को बढ़ा सकता है।

प्रोसेस्‍ड फूड

यदि आप डाइट में अधिक आयो‍डीन को शामिल करने के लिए प्रोसेस्‍ड फूड का इस्‍तेमाल करने का विचार कर रहे हैं तो एक बार फिर से सोच लें। हालांकि प्रोसेस्‍ड फूड में अधिक मात्रा में नमक होता है लेकिन ये जरूरी नहीं कि इसमें आयोडीन का प्रयोग किया गया हो। अधिक नमक वाला खाना खाने से हार्ट प्रॉब्‍लम बढ़ सकती है।

चावल खाने की वजह से थायराइड बढ़ता है

चावल में ग्लूटेन प्रोटीन होता है, जो थायरॉयड के मरीजों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। ये एक तरह का प्रोटीन है जो शरीर में जाकर एंटीबॉडीज की संख्या को बॉडी में कम कर देता है। इसके अलावा, थायरॉक्सिन हार्मोन के अनियमयित होने के लिए भी ग्लूटेन को जिम्मेदार माना जाता है। चावल खाना अच्छा या बुरा नहीं है, लेकिन अपने मेटाबॉलिज़म को ठीक रखने और अपने थायरॉयड ग्रंथि की मदद करने के लिए ओट्स, ब्राउन राइस, स्प्राउट्स, अंकुरित अनाज की रोटी खाने की कोशिश करें। सफेद चावल की तुलना में ब्राउन राइस अधिक पोषक तत्वों से भरपूर होता है। ब्राउन राइस ब्लड शुगर लेवल के स्तर को कम करता है और वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है। सफेद चावल, पाचन संबंधी कुछ समस्याओं वाले लोगों के लिए फायदेमंद हैं, जिन्हें फाइबर युक्त आहार को ठीक से पचाने में परेशानी होती है।

थायराइड की समस्‍या इन दिनों आम हो गई है। प्रॉपर डाइट और एक्‍सरसाइज से इसे कंट्रोल करना आसान है लेकिन डाइट में किसी भी चीज को हटाने या बढ़ाने से पहले चिकित्‍सक से परामर्श जरूर करें।

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