Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

World Student’s Day: युवाओं को आज भी प्रेरणा देते हैं डॉ. अब्दुल कलाम के ये विचार

Dr. Abdul Kalam

Dr. Abdul Kalam

‘सपने वे नहीं होते, जो आपको रात में सोते समय नींद में आए बल्कि सपने वे होते हैं, जो रात में सोने ही न दें।’ ऐसी बुलंद सोच रखने वाले ‘मिसाइलमैन’ अवुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम ( Dr. Abdul Kalam) भारतीय मिसाइल प्रोग्राम के जनक कहे जाते हैं।

जब कलाम ने देश के सर्वोच्च पद यानी 11वें राष्ट्रपति की शपथ ली थी तो देश के हर वैज्ञानिक का सर फख्र से ऊंचा हो गया था। वे ‘मिसाइलमैन’ और ‘जनता के राष्ट्रपति’ के रूप में लोकप्रिय हुए।

15 अक्टूबर 2010 को संयुक्त राष्ट्र ने हर वर्ष  15 अक्तूबर  को एपीजे अब्दुल कलाम ( Dr. Abdul Kalam) के जन्मदिवस को विश्व छात्र दिवस के रूप में मानने की घोषणा की। डॉ. कलाम का पूरा जीवन इस बात का प्रतीक है कि यदि ठान लिया जाए तो कोई भी राह कठिन नहीं होती और कोई भी लक्ष्य अभेद्य नहीं होता। कलाम भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाईयों पर ले गए। उन्होनें रक्षा के क्षेत्र में भी उत्कृष्ट योगदान दिया है इसीलिए आज पूरा देश उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जानता है

15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में जन्मे डॉ. कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम ( Dr. Abdul Kalam) था। वे वर्ष 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति रहे। इस दौरान वे जनता के राष्ट्रपति के रूप में खासे लोकप्रिय हुए। अब्दुल कलाम ने एक मछुआरे के घर में जन्म लिया। अखबार बेचकर पढ़ाई करने वाले कलाम दुनिया के मशहूर वैज्ञानिक बने। आज भी एपीजे अब्दुल कलाम लोगों के दिलों में जिंदा हैं।

पढ़िए कलाम साहब ( Dr. Abdul Kalam) के कुछ प्रेरणादायक विचार-

  1. यदि हम स्वतंत्र नहीं तो कोई हमारा आदर नहीं करेगा।
  2. आइये हम अपने आज का बलिदान कर दें ताकि हमारे बच्चों का कल बेहतर हो सके।
  3. आकाश की तरफ देखिए हम अकेले नहीं हैं, सारा ब्रह्मांड हमारे लिए अनुकूल है और जो सपने देखते हैं और मेहनत करते हैं उन्हें प्रतिफल देने की साजिश करता है।
  4. इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने के लिए ये जरूरी है।
  5. सपने वो नहीं जो हम सोते हुए देखते हैं, सपने वो हैं जो हमें सोने नहीं देते।
  6. महान सपने देखने वालों के महान सपने हमेशा पूरे होते हैं।
  7. शिखर तक पहुंचने के लिए ताकत चाहिए होती है, चाहे वो माउंट एवरेस्ट का शिखर हो या आपका पेशा।
  8. कृत्रिम सुख की बजाए ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिए।
  9. भगवान ने हमारे मस्तिष्क और व्यक्तित्व में असीमित शक्तियां और क्षमताएं दी हैं। ईश्वर की प्रार्थना हमें इन शक्तियों को विकसित करने में मदद करती है।
  10. मैं हमेशा इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार था कि मैं कुछ चाजें नहीं बदल सकता।
Exit mobile version