समूचा उत्तर प्रदेश कड़ाके की ठंड का सामना कर रहा है। राज्य के अधिसंख्य इलाकों में सुबह दस बजे तक पारा 10 से 13 डिग्री सेल्सियस के बीच मापा गया वहीं घने कोहरे और गलन के बीच हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुंच चुकी है।
मुजफ्फरनगर, आगरा, मेरठ, बलिया, लखनऊ, प्रयागराज, बाराबंकी, बलिया, कानपुर और बरेली समेत लगभग समूचे राज्य में गलन और शीतलहर के चलते पर्वतीय इलाकों जैसा नजारा देखने को मिल रहा है। कोहरे और धुंध के चलते सड़क यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है वहीं रेल और हवाई यातायात पर भी मौसम का प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
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मौसम विभाग के अनुसार ठंड के तेवरों में फिलहाल नरमी के कोई आसार नहीं है। अगले 24 घंटे में राज्य में मौसम आमतौर पर शुष्क रहने का अनुमान है। इस दौरान पश्चिम के कुछ स्थानो पर कोल्ड डे के हालात बन सकते हैं। इस दौरान ज्यादातर इलाकों में न्यूनतम तापमान छह से आठ डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 21 से 23 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।
आमतौर पर नौ बजे से खुलने वाले बाजार ठंड के चलते दस बजे के बाद भी सूने पड़े थे वहीं सरकारी और निजी कार्यालयों में उपस्थिति पर भी फर्क देखा गया। लोगबाग ठंड के चलते दस से 15 मिनट की देरी से दफ्तर में दाखिल हुये और हीटर या वार्मर के सामने खड़े होकर खुद को काम करने लायक बनाया। ठिठुरन के चलते सड़कों पर जगह जगह अलाव देखे जा रहे है जहां लोगों के साथ पशु भी ठंड दूर करते दिखायी पड़े।
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सुबह साढ़े दस बजे तक कई स्थानो पर सूर्यदेव के दर्शन नहीं हुये थे। कक्षा नौ से 12 तक के स्कूलों के खुलने के बावजूद आज भी छात्रों की संख्या लगभग नगण्य रही।
मौसम विभाग के अनुसार राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 160 से ऊपर मापा गया जो श्वांस और हृदयरोगियों के लिये खासा नुकसानदेह माना गया है। चिकित्सकों ने सलाह दी है कि खासकर बुजुर्ग और मरीज ठंड में बाहर निकलने से परहेज करें और यदि धूप भी सेकनी है तो सर और पांव को गर्म कपड़ों से ढक कर रखे। कोरोना संक्रमण के चलते सड़क पर निकलने से पहले मास्क का उपयोग जरूर करें। बंद कमरे में अंगीठी और अन्य ज्वलनशील पदार्थ का उपयोग कतई न करें जिनसे निकलने वाली विषैली गैस स्वास्थ्य के लिये हानिप्रद हो सकती हैं।