धर्म डेस्क। दिवाली का त्योहार शनिवार 14 नवंबर को है। इस दिवाली पर 499 साल बाद ग्रहों का ऐसा संयोग बन रहा है जो संयोग साल 1521 में बना था। ज्योतिषीय गणना के मुताबिक देवगुरु बृहस्पति अपनी स्वराशि धनु में और शनि ग्रह अपनी स्वराशि मकर में स्थिति होंगे। जबकि शुक्र देव कन्या राशि में विराजमान हैं। दिवाली पर ग्रहों का यही संयोग साल 1521 में भी था।
देवगुरु बृहस्पति और शनि ग्रह के अपनी स्वराशि में होने से कई जातकों के लिए यह शुभ अवधि होगी। ऐसे में दिवाली का यह त्योहार उनके लिए सुख-समृद्धि की सौगातें लेकर आएगा। दीपावली का त्योहार वृषभ, कर्क, तुला और कुंभ राशि के जातकों के लिए बहुत ही शानदार बीतने के संकेत दे रहा है। जबकि मिथुन, सिंह और कन्या राशि के जातकों को थोड़ा सतर्क रहने की आवश्यकता है।
इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग से दिवाली तक खरीदारी करना बेहद ही शुभ माना जा रहा है और 11 नवंबर से सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है जो दिवाली यानि 14 नवंबर तक रहेगा। यह मुहूर्त वाहन खरीद से बहुत ही शानदार मुहूर्त होगा। इसके साथ ही व्यापारिक अनुष्ठान की शुरुआत करने के लिए भी यह अवधि बहुत लाभकारी सिद्ध होगी।
नरक चतुर्दशी पर स्नान का शुभ मुहूर्त
- नरक चतुर्दशी पर स्नान – सुबह 5:23 से सुबह 6:43 बजे तक रहेगा।
- चतुर्दशी तिथि – दोपहर 1 बजकर 16 मिनट तक ही रहेगी।
- अमावस्या तिथि – 15 नवंबर की सुबह 10.00 बजे तक रहेगी।
दिवाली पर लक्ष्मी जी और गणेश महाराज की पूजा का विधान है। इसके अलावा आप इस दिन हनुमानजी, यमराज, चित्रगुप्त, कुबेर, भैरव, कुलदेवता और अपने पितरों का पूजन भी जरूर करें। वहीं धन की देवी मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु का भी पूजा करें। इसके साथ ही दिवाली पूजा में आप श्रीसूक्त और विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी कर सकते हैं।