महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व को नववर्ष की शुरूआत के रूप में मनाया जाता है। इस बार गुड़ी पड़वा का त्योहार 13 अप्रैल 2021 को मनाया जाएगा और नवसंवत्सर 2078 का आंरभ किया जाएगा। इस दिन लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं।
इसके बाद महिलाएं घरों में रंगोली बनाती हैं और घर के मुख्य द्वार पर आम के पत्तों से वंदनवार बनाकर लगाई जाती है। महिलाएं घरों के बाहर सुदंर और आकर्षक गुड़ी लगाती हैं। इस दिन घरों में मीठे पकवान बनाए जाते हैं और पूजा करने के साथ इस पर्व को उल्लास के साथ मनाया जाता है। तो चलिए जानते हैं इस पर्व से जुड़ी खास बातें।
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माना जाता है कि इसी दिन भगवान ब्रह्मा ने इस सृष्टि का निर्माण किया था और सतयुग की शुरुआत हुई थी। इसलिए इस दिन विशेष पूजा अर्चना की जाती है। गुड़ी पड़वा पर महिलाएं घर में सुंदर गुड़ी लगाती हैं और उसका पूजन करती हैं। माना जाता है कि घर में गुड़ी लगाने से नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं। घर में सुख समृद्धि आती है।
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कुछ लोग इस दिन नीम की पत्तियां खाकर भी दिन की शुरूआत करते हैं। इसके पीछे तर्क यह है कि यह समय प्रकृति में बदलाव होता है इसलिए ऐसा करने से खून साफ होता है। शरीर रोगों के संक्रमण से बचा रहता है और अंदर से मजबूत बनता है।
कहा जाता है कि वीर मराठा छत्रपति शिवाजी जी ने युद्ध जीतने के बाद सबसे पहले गुड़ी पड़वा का पर्व मनाया था। इसी के बाद मराठी लोग प्रत्येक वर्ष इस परंपरा का पालन करते हैं। इस दिन घर गुड़ी को विजय पताका के प्रतीक रूप में भी जाता लगाया है।