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नाग पंचमी पर बन रहा ये संयोग, इन मुहूर्तों में होगी नाग देवता की पूजा

Nag Panchami

nag panchami

श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी  (Nag Panchami) मनाई जाती है. हिंदू धर्म में नाग पंचमी का विशेष महत्व बताया गया है. चूंकि पौराणिक काल से ही सर्पों को देवता मानकर पूजा जाता रहा है, इसलिए इस दिन प्रमुखता के साथ नागों की पूजा की जाती है. नाग पंचमी के दिन नाग की प्रतिमा पर दूध चढ़ाया जाता है और उनसे मंगलमयी जीवन की कामना की जाती है. इस साल नाग पंचमी का त्योहार 2 अगस्त को मनाई जाएगी. नाग पंचमी  (Nag Panchami) पर एक विशेष संयोग भी बन रहा है.

नाग पंचमी 2 अगस्त दिन मंगलवार को है. सावन के मंगलवार मां मंगला गौरी का व्रत भी रखा जाता है. इस तरह मंगला (Nag Panchami)  गौरी व्रत और नाग पंचमी एकसाथ पड़ रही है. यानी भगवान शिव, माता पार्वती और नाग देवता की पूजा एकसाथ की जाएगी. ज्योतिषियों का कहना है कि यह एक दुर्लभ संयोग है और इसमें विधिवत पूजा का फल कई गुना बढ़कर मिलेगा.

नाग पंचमी (Nag Panchami) पर दो शुभ योग

इस साल नाग पंचमी (Nag Panchami) पर दो शुभ योग भी बन रहे हैं. 2 अगस्त को नाग पंचमी शिव योग और सिद्धि योग में मनाई जाएगी. इस दिन शाम 06 बजकर 38 मिनट तक शिव योग रहेगा. इसके बाद सिद्धि योग शुरू होगा. इन मुहूर्तों में भगवान शिव और नाग देवता की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सकती है.

नाग पंचमी  (Nag Panchami) की पूजन विधि

नाग पंचमी  (Nag Panchami) पर आठ नागों को देव मानकर पूजा जाता है. इस दिन अनन्त, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख नाम के अष्टनागों की पूजा का विधान है. आप नाग की प्रतिमा या मिट्टी से बने नाग के चित्र की पूजा कर सकते हैं. सबसे पहले नाग देव को हल्दी, रोली चावल और फूल अर्पित करें. फिर कच्चा दूध चढ़ाएं. पूजा के बाद इनकी आरती उतारें और सेपेरों को दान दक्षिणा दें. अंत में नाग पंचमी की कथा सुनें. नाग पंचमी के दिन उपवास करके शाम को भोजन करना चाहिए.

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