नई दिल्ली। अमेरिका ने एक बार फिर भारत के खिलाफ चीन की आक्रामकता की आलोचना की है। इसके साथ ही अमेरिका ने संवैधानिक संशोधन एकमत से पास कर दिया है। अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन ऐक्ट में संशोधन पास किया गया है।
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बता दें कि बीते महीने लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प और दक्षिण चीन सागर को लेकर अमेरिका चीन पर लगातार हमला बोल रहे है। NDAA बिल में चीन के रवैये पर चिंता व्यक्त की गई है। अमेरिका का आरोप है कि चीन कोरोना का महामारी के बहाने से भारत के क्षेत्र पर कब्जा करना चाहता था।
अमेरिका ने इन क्षेत्रों पर जताई चिंता
NDAA संशोधन भारतीय-अमेरिकी सांसद अमी बेरा और कांग्रेसमेन स्टीव शैबट सोमवार को पेश किया था। इसके बिल के मुताबिक भारत और चीन को वास्तविक नियंत्रण(एलएसी) पर तनाव कम करने के लिए काम करना चाहिए।
इस संशोधन के मुताबिक दक्षिण चीन सागर, एलएसी और सेंकाकू टापू विवादित क्षेत्रों के आसपास चीन का विस्तारवाद और आक्रामकता चिंता का विषय है।अमेरिका की संसद कांग्रेस ने भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी में चीन की आक्रामकता पर विरोध जताया है और चीन के बढ़ते क्षेत्रीय रवैये पर चिंता जताई है। इसमें संशोधित बिल में कहा गया है कि चीन ने कोरोना वायरस को बहाना बनाकर भारत के क्षेत्र पर कब्जा करने की कोशिश की है और दक्षिण चीन सागर में भी दावा ठोका है।
चीन ने तैनात कर दिए 5 हजार सैनिक
संसद में स्टीव ने बयान दिया भारत इंडो-पैसिफिक में एक अहम लोकतांत्रिक पार्टनर है। उन्होंने कहा कि मैं भारत का समर्थन करता हूं और अपने द्विपक्षीय संबंध का समर्थन करता हूं। साथ ही उन क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ भी खड़ा हूं जो चीन की आक्रामकता का सामना कर रहे हैं। इस संशोधन में कहा गया है कि 15 जून तक चीन ने एलएसी पर 5 हजार सैनिक तैनात किए और 1962 के बाद भारत की जमीन घोषित किए गए क्षेत्र पर विवाद होने के बाद उसमें कदम रखा।