नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को चीन और भारत के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद मोदी सरकार ने चीन के खिलाफ ऐसे कई फैसले लिए हैं, जिससे चीन को आर्थिक मोर्चे पर काफी नुकसान हो रहा है।
वहीं अब केंद्र सरकार एक ऐसा नियम लागू करने जा रही है, जिससे चीन को आर्थिक नुकसान होने की पूरी संभावना है। तो चलिए हम आपको बताते हैं इस नियम के बारे में।
पॉलीटेक्निक में छात्रों को पहली बार मिलेगा ग्रेड सुधारने का मौका
केंद्र की मोदी सरकार इस हफ्ते के आखिरी तक इलेक्ट्रॉनिक खुदरा विक्रेताओं के लिए नयी नियमावली लागू करने वाली है। इसके तहत विक्रेताओं को अपने प्रोडक्ट पर प्रोडक्शन/ मैन्युफैक्चरिंग के देश सहित कई विवरण देना अनिवार्य होगा। यानी की ये नया नियम लागू होने के बाद विक्रेताओं को अपने प्रोडक्ट्स पर ये बताना अनिवार्य होगा कि सामान किस देश में बना है या फिर किस देश का है।
ऐसा करने से ग्राहकों को यह समझने में आसानी हो जाएगी कि वह किस देश का प्रोडक्ट यूज कर रहे हैं। वहीं माना जा रहा है कि यह नियम लागू होने के बाद चीन का भारत में बिजनेस काफी प्रभावित हो सकता है। इसकी बड़ी वजह यह भी है कि भारत में चीनी प्रोडक्ट को बॉयकॉट करने के लिए मुहिम चरम पर है।
क्या है उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियमावली?
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के मुताबिक, उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियमावली, 2020 भारत या विदेश में रजिस्टर्ड सभी इलेक्ट्रॉनिक रिटेलर्स यानी ई-रिटेलर्स पर लागू होगी। केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने बताया कि अगर नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो कानून के तहत निर्धारित दंड भुगतना पड़ेगा।
देना होगा इस चीज का ब्यौरा
उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियमावली, 2020 के मुताबिक, ई-कॉमर्स कंपनियों को अन्य शुल्कों के अलग-अलग ब्यौरे के साथ वस्तुओं और सेवाओं की कुल ‘कीमत’ को दिखाना होगा। ताकि कंज्यूमर सामान खरीदने से पहले सोच कर फैसला कर सके।