उत्तर प्रदेश में जब भी जहरीली शराब से थोक में मरने वालों की सूचना मिलती है, अगले दिन से बरेली में अवैध शराब का जखीरा बरामद होने लगता है। अलीगढ़ कांड के बाद बरेली में अवैध शराब का जखीरा मिलना शुरू हो गया है ।
एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि अवैध शराब बनाने वालों और बेचने वालों के खिलाफ 2200 से ज्यादा मुकदमे दर्ज है। पुलिस हमेशा मुस्तैद रहती है। ऐसा कोई महीना नहीं है कि अवैध शराब बनाने वालों और बेचने वालों को न पकड़ा जाता हो। एसपी सिटी रविंद्र सिंह ने बताया कि शनिवार को बरेली के थाना बारादरी पुलिस ने एक सूचना के आधार पर काकर टोला स्थित ज़ुबैर इंटरप्राइजेज से अवैध रूप से कच्ची शराब के साथ देसी व विदेशी शराब की बोतले भी बरामद की हैं।
श्री सिंह ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी कबाड़ी का कार्य करता है जिसके साथ ही वों गोदाम में अवैध रूप से कच्ची शराब बनाने का कारोबार करता है। उसके कब्जे से मिस इंडिया के 600 रैपर के साथ 8 से 10 लीटर कैन में अल्कोहल व यूरिया के साथ अन्य उपकरण बरामद किए गए। फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ कर इसमें लिप्त अन्य लोगों की तलाश कर रही हैं।
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जिले की शाही थाना पुलिस ने कच्ची शराब बनाने वाले अभियुक्त को गिरफ्तार कर उसके पास से 20 लीटर शराब व शराब बनाने के उपकरण बरामद किये हैं। पुलिस ने थाना शाही क्षेत्र के पूरन लाल पुत्र राम लाल निवासी ग्राम अक्सौर को 20 लीटर शराब के साथ 200 लीटर लहन को मौके पर नष्ट कर दिया। इसके अलावा पुलिस ने उसके पास शराब बनाने के उपकरण भी बरामद किये हैं। उसे गिरफ्तार करने के बाद आज गिरफ्तार आरोपी को न्यायालय के समक्ष पेश किया जायेगा।
एक साल पहले पुलिस ने अवैध शराब बनाने वालों को सुधारने के लिए कदम बढ़ाए। जिले के भोजीपुरा के कंचनपुर, फरीदपुर के रायपुर में अवैध शराब बनाने वालों को शपथ दिलाई कि अब ऐसा नहीं करेंगे , इसके बाद दोबारा अधिकारियों ने गांव में जाने की जरूरत नहीं समझी। नतीजन फरीदपुर, मीरगंज, शाही, नवाबगंज, आंवला और भमोरा में कई अड्डों पर अभी भी अवैध शराब बन रही है।
जनवरी में 25000 लीटर अवैध शराब जिले के मीरगंज के ढावे पर उतारी जा रही थी। ग्रामीणों की पहल से पुलिस ने उस समय पांच तस्करों को गिरफ्तार किया था पूछताछ में पता चला था कि पंजाब से झारखंड के लिए चले टैंकर में अल्कोहल भरा गया था. जिससे अवैध शराब बनाकर बेचने की तैयारी थी।