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आगरा की रहने वाली ये लड़की ने लंदन की नौकरी छोड़ शुरू कर दी खेती

Quit London job

लंदन की छोड़ी नौकरी

लाइफ़स्टाइल डेस्क। आगरा की रहने वाली नेहा भाटिया साल 2014 में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से मास्टर्स किया। पढ़ाई पूरी होते ही नेहा ने सालभर लंदन में ही नौकरी की और उसके बाद अपने देश वापस आ गईं। साल 2017 में उन्होंने ऑर्गेनिक फार्मिंग शुरू की और आज वो तीन जगहों पर खेती कर रही हैं। खेती कर नेहा सलाना 60 लाख रुपये की कमाई भी कर रही हैं। इसके साथ ही कई किसानों को ऑर्गेनिक फार्मिंग की ट्रेनिंग देकर उनका जीवन भी संवार रही हैं।

31 वर्षीय नेहा एक बिजनेस फैमिली से ताल्लुक रखती हैं। नेहा कहती हैं कि, ‘मैंने बहुत पहले ही तय कर लिया था कि मुझे बिजनेस करना है लेकिन, सिर्फ पैसे कमाने के लिए नहीं, बल्कि उसका सोशल बेनिफिट और सोशल इम्पैक्ट भी हो। उससे लोगों को भी फायदा हो। हालांकि, तब खेती के बार में नहीं सोचा था।’

दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन करने के बाद नेहा एक सोशल ऑर्गनाइजेशन से जुड़ गई। उन्होंने राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों में शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी समस्याओं पर काम किया। इसके बाद वो साल 2012 में लंदन चली गईं। जब वो साल 2015 में लंदन से वापस लौटी तो फिर से एक सोशल ऑर्गनाइजेशन के साथ जुड़ गई और करीब दो साल तक काम किया।

नेहा कई गांवों में गईं और लोगों से मिलकर उनकी परेशानियों को समझा। नेहा कहती हैं कि लोगों की दिक्कतों से पता चला कि सबसे बड़ी समस्या हेल्दी फूड्स की है। केवल शहर ही नहीं बल्कि गांव के लोगों को भी सही खाना नहीं मिल रहा है। ऐसे में नेहा ने साल 2016 में क्लीन ईटिंग मूवमेंट लॉन्च करने का प्लान किया, ताकि लोगों को सही और शुद्ध खाना मिल सके। इसको लेकर रिसर्च करना शुरू किया, कई एक्सपर्ट्स से मिली। सभी लोगों ने यही कहा कि अगर सही खाना चाहिए, तो सही उगाना भी पड़ेगा। अगर अनाज और सब्जियां ही केमिकल और यूरिया वाली होंगी, तो उनसे बना खाना ठीक नहीं हो सकता है।

ऐसे में नेहा ने ऑर्गेनिक फार्मिंग शुरू करने का प्लान किया। लेकिन उन्हें खेती की बेसिक जानकारी भी नहीं थी। फार्मिंग शुरू करने से पहले उन्होंने कई गांवों में जाकर 6-7 महीने तक खेती के बारे में जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने नोएडा में अपनी दो एकड़ जमीन पर ऑर्गेनिक सब्जियों की फार्मिंग की। फार्मिंग के दौरान नेहा का शुरुआती समय निराशाजनक रहा, लेकिन दूसरी बार खेती से अच्छी उपज हुई। इसके बाद उन्होंने अपने ऑर्गेनिक उत्पादों को खुद मार्केट में लेकर गईं और लोगों से मिलकर इन उत्पादों के फायदों के बारे में बताया।

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