धनबाद। झारखंड के धनबाद जिले में कोरोना का कहर इस कदर बरपा हुआ है कि पहले संक्रमण से एक वृद्धा की मौत हुई और बाद में उनकी अर्थी को कंधा देने वाले पांच बेटे भी संक्रमित होकर बारी-बारी से जान गंवा बैठे।
आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यहां बताया कि धनबाद जिले में कतरास थाना क्षेत्र के रानी बाजार इलाके में इस वर्ष जून के आखिरी सप्ताह में अपने पोते की शादी में शामिल होने दिल्ली से आई 88 वर्षीय महिला की अगले दिन तबीयत खराब हो गई। उन्हें बोकारो जिले के चास के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान 4 जुलाई को उनकी मौत हो गई। इसके बाद उनका स्वाब सैंपल लिया गया।
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मृतका की अर्थी को उनके बेटों ने कंधा दिया और उनका अंतिम संस्कार दामोदर नदी के तट पर कर दिया गया। इसके अगले दिन मृत महिला की जांच रिपोर्ट आई, जिसमें उन्हें पॉजिटिव पाया गया।
रिपोर्ट से घबराए परिवार के सभी सदस्यों ने भी अपनी जांच कराई। रिपोर्ट में मृतका के चार बेटे समेत परिवार के 10 सदस्यों को संक्रमित बताया गया। इसके बाद बारी-बारी से सभी की तबियत खराब होने लगी और उन्हें कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इस परिवार पर कोरोना का कहर 10 जुलाई से शुरू हो गया जब धनबाद के कोविड अस्पताल में इलाजरत मृत महिला के एक संक्रमित बेटे की मौत हो गई। इसके बाद तो जैसे परिवार में मौत की झड़ी लग गई। 11 जुलाई को धनबाद के ही एक अस्पताल में इलाजरत मृतका के दूसरे संक्रमित बेटे ने भी दम तोड़ दिया। फिर, 12 जुलाई के तीसरे बेटे की रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान में मौत हो गई। परिवार में बारी-बारी से लोगों की मौत होती रही लेकिन यह सिलसिला थमा नहीं। 16 जुलाई को मृत वृद्धा का कैंसर से पीड़ित चौथे बेटे का पूर्वी सिंहभूम जिले में जमशेदपुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद 19 जुलाई को रांची के एक अस्पताल में पांचवे बेटे ने भी दम तोड़ दिया।
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वृद्धा के सभी बेटों की उम्र 60 से 70 वर्ष बताई जाती है। कोरोना संक्रमण से इस परिवार में अबतक वृद्धा समेत छह लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, छह अन्य सदस्य रांची के सेंट्रल कोल फील्ड्स(सीसीएल) कोविड अस्पताल में भर्ती हैं।
अब वृद्धा का एकमात्र बेटा बचा है, जो दिल्ली में रहता है और जिसके साथ महिला रहती थी। देश में कोरोना के इतने भीषण कहर का यह पहला मामला है।