मुंबई। महाराष्ट्र और तेलंगाना राज्य के बॉर्डर पर बना एक घर (House) चर्चा में है। दरअसल, यह घर दोनों ही राज्यों में पड़ता है। घर का आधा हिस्सा महाराष्ट्र में तो आधा तेलंगाना में है। दो राज्यों में बंटे इस घर की रसोई तेलंगाना में है, वहीं बेडरूम और हॉल महाराष्ट्र में हैं। सुनने में यह बात लोगों को अजीब लग सकती है, पर यह हकीकत है।
तेलंगाना और महाराष्ट्र के बॉर्डर पर मौजूद महाराजगुडा गांव के 10 कमरों वाले घर (House) में पवार परिवार रहता है। पवार परिवार के घर के चार कमरे तेलंगाना में हैं, वहीं चार अन्य महाराष्ट्र राज्य में आते हैं।
घर का रसोई वाला हिस्सा तेलंगाना में है, वहीं हॉल और बेडरूम वाला हिस्सा महाराष्ट्र में है। पवार परिवार में कुल मिलाकर 13 सदस्य हैं। 10 कमरों वाले घर में उत्तम पवार और चंदू पवार सालों से रह रहे हैं।
महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद की जड़ क्या है, दोनों राज्यों की मांग क्या है?
1969 में बॉर्डर का विवाद शुरू हुआ था, इसके बाद पवार परिवार का घर और जमीन दो राज्यों में बंट गया था। उत्तम पवार ने कहा कि हमारा घर महाराष्ट्र और तेलंगाना दोनों राज्यों में है। लेकिन, इस वजह से उन्हें आज तक किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं हुई। परिवार दोनों ही राज्यों में प्रॉपर्टी टैक्स भरता है, इसके बदले में उन्हें दोनों ही राज्यों की सरकारी योजनाओं का भी लाभ मिलता है। पवार परिवार के पास दोनों ही राज्यों के रजिस्ट्रेशन नंबर वाले वाहन हैं।
14 गांवों की सीमा को लेकर है विवाद
ANI की रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र और तेलंगाना राज्यों में सीमावर्ती जीवती तहसील के 14 गांवों के बॉर्डर को लेकर विवाद है। इन 14 गांवों में महाराजगुडा (Maharajguda village) भी शामिल है। यह गांव भी दो राज्यों में विभाजित है। इस गांव के आधे हिस्से पर तेलंगाना तो आधे पर महाराष्ट्र का अधिकार है।