नई दिल्ली। कोरोना काल में कंपनियों ने कर्मचारियों को घर से काम करने की सहूलियत दी हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जहां गूगल और फेसबुक ने अपने कर्मचारियों को अगले साल जून तक घर से काम करने की अनुमति दी है। वहीं भारत की कंपनी आरपीजी एंटरप्राइजेज उनसे कहीं आगे निकल गई हैं। कंपनी ने अपने सेल्स कर्मचारियों को परमानेंट घर से काम करने की अनुमति दे दी है। ऐसा करने वाली ये भारत की पहली कंपनी है।
अंग्रेजी के अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, आरपीजी एंटरप्राइजेज टायर, आईटी, हेल्थ, एनर्जी, इन्फ्रास्ट्रक्चर और प्लांटेशन के क्षेत्र में कारोबार करती है। कंपनी ने वर्क फ्रॉम होम को लेकर एक नई नीति बनाई है। इसके तहत कंपनी के कर्मचारी स्थाई रूप से घर से काम करेंगे जबकि 50 फीसदी दूसरे कर्मचारियों को भी घर से काम करने की अनुमति होगी। ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारियों में से विशेष मामलों में 75 फीसदी को घर से काम करने की अनुमति दी जा सकती है।
संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर से एक अक्टूबर तक
ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी महीने में दो हफ्ते घर से काम कर सकते हैं और विशेष मामलों में उन्हें तीन हफ्ते तक घर से काम करने की अनुमति दी जा सकती है। अभी ऑफिस में काम करने वाले कंपनी के सभी कर्मचारी घर से ही काम कर रहे हैं और ग्रुप ने अपने सभी दफ्तरों को बंद कर रखा है। कंपनी की नई पॉलिसी 1 सितंबर से लागू होगी। यह पॉलिसी आरपीजी के ग्लोबल ऑपरेशनंस पर भी लागू होगी। साथ ही फैक्ट्रीज और प्लांटेशंस में मशीनों पर काम नहीं करने वाले कामगारों पर भी यह पॉलिसी लागू होगी।
आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि हमारी वर्क फ्रॉम होम पॉलिसी ने काम करने की परंपरागत धारणा को तोड़ दिया है। जो स्टाफ मशीनों पर काम नहीं कर रहे हैं और टेक्नॉलजी बिजनेस में जिनकी क्लायंट से मिलने की जिम्मेदारी नहीं है, वे कोरोना काल के बाद भी कहीं से काम कर सकते हैं।
संकटमोचक प्रणव मुखर्जी दो बार प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गये : कांग्रेस
आरपीजी एंटरप्राइजेज ने दुनियाभर में अपनी कंपनियों के 30 हजार कर्मचारियों को भेजे नोट में कहा है कि कर्मचारियों को काम करने के नए तरीकों को अपनाने के लिए उत्साहित करना जरूरी है। इससे उनकी क्वालिटी ऑफ लाइफ बेहतर होगी और प्रोडक्टिविटी भी बढ़ेगी।