कुछ ही दिनों बाद शारदीय नवरात्रि आरंभ हो जाएंगे। जो 7 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक चलेगा।
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन आश्विन माह की प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना की जाएगी। नवरात्रि के पूरे नौ दिनों तक माता के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करने के साथ उन्हें हर दिन अलग-अलग भोग भी अर्पित किए जाएंगे।
नवरात्रि का पहला दिन- गुरुवार 7 अक्तूबर से आरंभ होने वाले नवरात्रि में पहले दिन कलश स्थापना करके माता शैलपुत्री की पूजा की जाएगी और उन्हें गाय के दूध से बनी चीजों का भोग लगाया जाएगा।
द्वितीया तिथि : नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्माचारिणी की पूजा की जाएगी। इस दिन माता को शक्कर का भोग लगाया जाता है।
तृतीया तिथि : नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की आराधना होगी जिसमें उन्हें घी का भोग लगाया जाएगा।
चतुर्थी तिथि : चौथा दिन मां कुष्मांडा का दिन होता है। ऐसे में इस दिन इन्हें मालपुआ का भोग लगाकर उन्हें प्रसन्न किया जाएगा।
पंचमी तिथि :पंचमी तिथि पर मां स्कंदमाता की पूजा- आराधना होती है। इस दिन माता को केले का भोग अर्पित किया जाएगा।
षष्ठी तिथि : मां कात्यायनी का दिन है इस दिन माता को शहद का भोग लगाया जाता है।
सप्तमी तिथि : मां कालरात्रि को गुड़ का भोग लगाया जाएगा।
अष्टमी तिथि : मां महागौरी का दिन होता है इस तिथि पर माता को नारियल का भोग लगाया जाता है।
नवमी तिथि : सिद्धिदात्री का दिन होता है। नवरात्रि पर इस दिन माता को धान की लाई का भोग लगता है।