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ये नए भारत का, आत्मनिर्भर होते भारत का नया सामर्थ्य है : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आज अगर सरकार की योजनाएं जमीन पर तेजी से पहुंच रही हैं, लागू हो रही हैं तो इसके पीछे सरकार के कामकाज में आया परिवर्तन है। पहले की सरकारी व्यवस्था में एक विकृति थी। कल ही भारत ने 50 करोड़ वैक्सीन डोज लगाने के बहुत अहम पड़ाव को पार किया है। दुनिया में ऐसे अनेक देश हैं, जिनकी कुल जनसंख्या से भी अधिक टीके भारत एक सप्ताह में लगा रहा है। ये नए भारत का, आत्मनिर्भर होते भारत का नया सामर्थ्य है।

प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस दौरान योजना के तहत मध्यप्रदेश के लाभार्थियों से संवाद भी किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहे। उन्होंने भी प्रदेशवासियों को संबोधित किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजीविका पर दुनियाभर में आए इस संकट काल में ये निरंतर सुनिश्चित किया जा रहा है कि भारत में कम से कम नुकसान हो। इसके लिए बीते साल में अनेक कदम उठाए गए हैं और निरंतर उठाए जा रहे हैं। छोटे, लघु, सूक्ष्म उद्योगों को अपना काम जारी रखने के लिए लाखों करोड़ रुपये की मदद उपलब्ध कराई गई है।

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उन्होंने कहा कि गांव, गरीब, आदिवासियों को सशक्त करने वाला एक और बड़ा अभियान देश में चलाया गया है। ये अभियान हमारे हस्तशिल्प को, हथकरघे को, कपड़े की हमारी कारीगरी को प्रोत्साहित करने का है। ये अभियान लोकल के प्रति वोकल होने का है। इसी भावना के साथ आज देश राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मना रहा है। जिस खादी को कभी भुला दिया गया था, वो आज नया ब्रांड बन चुका है। अब जब हम आज़ादी के 100 वर्ष की तरफ नए सफर पर निकल रहे हैं, तो आजादी के लिए खादी की उस स्पिरिट को हमें और मजबूत करना है। आत्मनिर्भर भारत के लिए, हमें लोकल के लिए वोकल होना है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीते वर्षों में गरीब को ताकत देने का, सही मायने में सशक्तिकरण का प्रयास किया जा रहा है। आज जो देश के गांव-गांव में सड़कें बन रही हैं, उनसे नए रोज़गार बन रहे हैं, बाज़ारों तक किसानों की पहुंच सुलभ हुई है, बीमारी की स्थिति में गरीब समय पर अस्पताल पहुंच पा रहा है। वो गरीब के बारे में सवाल भी खुद पूछते थे और जवाब भी खुद ही देते थे। जिस तक लाभ पहुंचाना है, उसके बारे में पहले सोचा ही नहीं जाता था।

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उन्होंने कहा कि आज अगर सरकार की योजनाएं ज़मीन पर तेज़ी से पहुंच रही हैं, लागू हो रही हैं तो इसके पीछे सरकार के कामकाज में आया परिवर्तन है। पहले की सरकारी व्यवस्था में एक विकृति थी। आजीविका पर दुनियाभर में आए इस संकट काल में ये निरंतर सुनिश्चित किया जा रहा है कि भारत में कम से कम नुकसान हो। इसके लिए बीते साल मे अनेक कदम उठाए गए है और निरंतर उठाए जा रहे हैं।

कल ही भारत ने 50 करोड़ वैक्सीन डोज लगाने के बहुत अहम पड़ाव को पार किया है। दुनिया में ऐसे अनेक देश हैं, जिनकी कुल जनसंख्या से भी अधिक टीके भारत एक सप्ताह में लगा रहा है। ये नए भारत का, आत्मनिर्भर होते भारत का नया सामर्थ्य है। कोरोना से उपजे संकट से निपटने के लिए भारत ने अपनी रणनीति में गरीब को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना हो या फिर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोज़गार योजना, पहले दिन से ही गरीबों और श्रमिकों के भोजन और रोज़गार की चिंता की गई।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शिवराज जी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश ने बीमारू राज्य की पहचान को काफी पहले ही पीछे छोड़ दिया। वरना याद है एमपी की सड़कों की क्या हालत होती थी, यहां से कितने बड़े-बड़े घोटालों की खबरें आती थी। आज एमपी के शहर स्वच्छता के नए प्रतिमान गढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा, यह दुखद है कि एमपी में अनेक जिलों में बारिश और बाढ़ की परिस्थितियां बनी हुई हैं। अनेक साथियों के जीवन और आजीविका दोनों प्रभावित हुई है। मुश्किल की इस घड़ी में भारत सरकार और पूरा देश, मध्य प्रदेश के साथ खड़ा है। शिवराज जी और उनकी टीम बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर राहत के लिए काम कर रही है

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में हितग्राहियों से बातचीत भी किया। बुरहानपुर जिले के राजेंद्र शर्मा ने संवाद के दौरान प्रधानमंत्री को बताया कि वह रिक्शा चलाते हैं। कोरोना के समय मिले नि:शुल्क राशन से उन्हें बहुत राहत मिली। प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत कोरोना के समय में 500-500 रुपये दो बार प्राप्त हुए। राजेंद्र ने बताया कि मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना के तहत उन्हें ऑटो लोन के लिए कर्ज मिला था। जिसे वह चुकाकर कर्जमुक्त हो चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि नागरिकों के जीवन में कोई विपत्ति न आए। अगर विपत्ति आती है तो हम उसका मिलकर सामना करें।

प्रधानमंत्री से होशंगाबाद जिले की माया उइके ने संवाद किया। माया उइके ने बताया कि वह स्वयं मजदूरी कर पूरे परिवार को भरण-पोषण कर रही हैं। पीएमजीकेएवाय मप्र के तहत मिले नि:शुल्क राहत के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री जी का धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रधानमंत्री से सतना के दीप कुमार कोरी ने संवाद करते हुए बताया कि वह बच्चों को पढ़ाने के साथ ही मजदूरी का काम भी करते हैं। कोरी ने बताया कि नि:शुल्क राशन से उनकी परेशानी दूर हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास हमारा संकल्प है। इसी प्रकार अन्य हितग्राहियों ने प्रधानमंत्री से संवाद कर उन्हें धन्यवाद दिया।

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