धारचूला और मुनस्यारी में वन विभाग ने आधुनिक ई-को हट बनाई हैं। इस तरह की ई-को हट देश में पहली बार यहीं बनाई गई हैं। इसके पीछे वन विभाग का लक्ष्य आजीविका बढ़ाने, पलायन रोकने और रोजगार के वैकल्पिक अवसर बढ़ाने का है।
मुनस्यारी के पातलथौड़ के 30 हेक्टेयर क्षेत्र में वन विभाग की ओर से ई-को पार्क विकसित किया है। इससे क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियां बढ़ी हैं। यहां पर आपदा और भूकंप रोधी 10 आधुनिक हटों का निर्माण किया है। ऐसी आपदा रोधी इको हट पूरे देश में सिर्फ यहीं स्थित हैं।
मुनस्यारी में 1200 वर्गमीटर के क्षेत्र में ट्यूलिप गार्डन भी तैयार किया गया है। इस पार्क में हट के साथ टेंट में रहने की सुविधा भी है। परियोजना के लिए 7000 ट्यूलिप बल्ब हॉलैंड से मंगवाए गए हैं।
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हट के माध्यम से बेरोजगार युवाओं का विभिन्न विषयों में कौशल विकास कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। धारचूला और मुनस्यारी में वन विभाग के अभिनव प्रयोग के बाद वहां पर्यटन गतिविधियां बढ़ी हैं।
स्वरोजगार के नए संसाधन भी विकसित हुए हैं। लोगों ने वन विभाग के कार्यों की सराहना की है। सीमांत के धारचूला और मुनस्यारी में वन विभाग ने आजीविका संवर्द्धन, पलायन रोकने और रोजगार के वैकल्पिक अवसर विकसित करने के लिए कई कार्य किए गए हैं। इको पार्क मुनस्यारी में आपदा रोधी 10 आधुनिक हट्स का निर्माण कार्य भी किया गया है, जो देश में पहली बार हुआ है।