थाईलैंड : थाईलैंड में संवैधानिक राजतंत्र में परिवर्तन की मांग को लेकर सड़कों पर हजारों की संख्या में लोग उतर लाए हैं। लेकिन देश के राजा कई दिनों से जर्मनी में बैठे हुए हैं। देश में मौजूदा समय में सरकार के विरोध में लोग खूब प्रदर्शन कर रहे हैं। बढ़ते आंदोलन को कुचलने के लिए पिछले सप्ताह सरकार ने आपातकाल घोषित कर दिया। लेकिन उस आपातकाल को निरस्त कर दिया गया। प्रदर्शनकारी थाईलैंड के संवैधानिक राजतंत्र में सुधार की मांग कर रहे हैं। उनका दावा है कि यह लोकतांत्रिक व्यवस्था में उचित तरीके से काम नहीं करता।
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जनता के गुस्से का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि कोविड-19 के कारण थाईलैंड में लोगों के इकठ्ठा होने पर प्रतिबंध है, लेकिन लोगों ने इस प्रतिबंध की परवाह नहीं की और वह सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। राजतंत्र को लेकर लोगों की गुस्से की कई वजह हैं। इनमें से एक हैं थाईलैंड के राजा वजीर लॉन्गकार्न बोदिनद्रदेव्यावरनकुन का व्यवहार। उनके व्यवहार से जनता बहुत क्रोधित हैं। 2016 में राजगद्दी पर बैठे बोदिनद्रदेव्यावरनकुन राजकाज से हमेशा कोसों दूर रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार थाईलैंड के राजा के पास 30 अरब डॉलर से ज्यादा की संपत्ति है।
जनता का गुस्सा तब ज्यादा बढ़ गया जब सारा देश कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है तो वह जर्मनी में कहीं पहाड़ियों में स्थित किसी आलीशान विला में अपनी रानियों के साथ खुद को क्वारंटीन किए बैठे हैं। यह पहली बार नहीं है जब राजा गलत वजहों से चर्चा में आए हैं। बीते दिनों राजा ने अपनी पत्नी को एक साल तक जेल में रखने के बाद उनकी सजा माफ़ कर दी है और उन्हें हरम में फिर से शामिल होने की इजाजत दे दी थी। राजा ने 35 साल की सिननेत वोंगवाजीरापाकडी के साथ शादी की थी लेकिन 3 महीने बाद ही उन पर बेवफाई का आरोप लगाकर जेल भेज दिया था। रिहाई के तुरंत बाद उनकी पत्नी को जर्मनी में राजा के हरम में शामिल होने के लिए भेज दिया गया था और अब वे एक महीने से वहीं हैं।
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कुछ सालों पहले तो राजा की सनक ने सारी हदें पार कर दी थीं उन्होंने अपने एक पालतू कुत्ते फूतू को एयर चीफ मार्शल बना दिया था। यह खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि अमेरिकी राजदूत राल्फ एल बॉयस ने किया था जो कि क्राउन प्रिंस के सम्मान में एक विशाल रात्रिभोज शामिल हुए थे, जहां यह कुत्ता पूरी तरह से सजधज कर आया था। बाद में बॉयस ने बताया था फूतू को रॉयल थाई वायु सेना में एयर चीफ मार्शल के पद पर “पदोन्नत” किया गया था। 2015 जब इस कुत्त की मौत हो गई थी तो उसके अंतिम संस्कार की धार्मिक रस्में चार दिन तक चली थीं और कुत्ते के अंतिम संस्कार की तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हुई थीं।