आम खाना तो हर किसी को पसंद होता है। इन आमों को आप तक पहुंचाने के लिए इसे उगाने वालों को अच्छी खासी मेहनत करनी पड़ती है। इस पर भी बड़ी ज़िम्मेदारी का काम होता है आम को चोरी होने से बचाना। यूं तो खुद बागवान ही इसकी सुरक्षा करते हैं, लेकिन अगर आम कुछ ज्यादा ही कीमती हों तो उसकी सिक्योरिटी पर भी अच्छी खासी रकम खर्च करनी होती है। एक ऐसे ही आम के बगीचे की सुरक्षा इस वक्त चर्चा में है।
आम का ये चर्चित बाग है मध्य प्रदेश में। यहां के जबलपुर में रहने वाले संकल्प परिहार ने आम की ऐसी वरायटी उगाई है, जो बाजार में ढाई लाख रुपये में बिकती है। पहले तो उन्हें खुद ही नहीं पता था कि उन्होंने कौन सा आम उगाया है? जब संकल्प और उनकी पत्नी को इसके बारे में पता चला तो उन्होंने इसकी सुरक्षा में गार्ड्स और कुत्तों को तैनात किया है। फिलहाल आम के इन पेड़ों की सुरक्षा 4 गार्ड्स और 6 कुत्ते मिलकर कर रहे हैं।
संकल्प और उनकी पत्नी रानी बताती हैं कि उन्हें आम की ये पौध ट्रेन से चेन्नई जाने के दौरान एक शख्स ने दी थी। उन्होंने घर आकर अपने बगीचे में ये आम लगा दिए। उन्हें खुद नहीं पता था कि ये कौन से आम हैं? जब उनके उनके पेड़ बड़े होकर लाल रंग के दिखने लगे तो उन्हें थोड़ा अजीब लगा। जब और रिसर्च किया तो पता चला कि उन्होंने मियाज़ाकी आम उगा लिया है, जो आम की कुछ सबसे महंगी वरायटी में से एक है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 2 लाख 70 हजार रुपये प्रति किलो है।
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पिछले साल हुई चोरी के बाद किया बंदोबस्त
बागान के मालिक का कहना है कि पिछले साल कुछ चोरों को इसके बारे में पता चल गया था और उन्होंने बगीचे में चोरी कर ली थी। वे आम तो चुरा ले गए लेकिन पौधे हमने बचा लिए। यही वजह है कि इस साल ये कपल आमों की सुरक्षा के लिए कड़ा इंतजाम कर चुका है। अब अगर किसी ने चोरी की तो उसे पहले 6 कुत्तों और 4 गार्ड्स को मात देना होगा, तभी आम तक पहुंचा जा सकता है।
एक आम है 21 हजार का
इतनी तगड़ी सुरक्षा के पीछे एक वजह ये भी है कि बागान के मालिक को खरीदार भी मिल चुका है। गुजरात के रहने वाले एक बिजनेसमैन ने मियाज़ाकी आम को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है और इसकी डील भी हो चुकी है। वो एक आम को 21 हजार रुपये देकर खरीदने को तैयार है। मियांकाज़ी आम में भरपूर मात्रा में बीटा कैरोटिन, फॉलिक एसिड और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो आंखों की रोशनी के लिए भी अच्छे हैं। जापान के मियाज़ाकी शहर में सबसे पहली बार इसे उगाया गया था, इसीलिए इस लाल आम का नाम भी मियाज़ाकी आम है।