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जिंदगी में जहर की तरह घुल जाती है ये एक चीज

लाइफ़स्टाइल डेस्क। आचार्य चाणक्य की नीतियां और अनुमोल वचनों को जिसने जिंदगी में उतारा वो खुशहाल जीवन जी रहा है। अगर आप भी अपने जीवन में सुख चाहते हैं तो इन वचनों और नीतियों को जीवन में ऐसे उतारिए जैसे पानी के साथ चीनी घुल जाती है। चीनी जिस तरह पानी में घुलकर पानी को मीठा बना देती है उसी तरह से विचार आपके जीवन को आनंदित कर देंगे। आचार्य चाणक्य के इन अनुमोल विचारों में से आज हम एक विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार झूठ का कोई अस्तित्व नहीं होता इस पर आधारित है।

‘झूठ का कोई भविष्य नहीं होता वो आपका आज शायद सुखद कर सकता है, पर कल तो बिल्कुल नहीं।’ आचार्य चाणक्य

आचार्य चाणक्य के इस कथन का अर्थ है कि मनुष्य को कभी भी झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए। कई बार बोला गया झूठ पलभर के लिए आपको खुश तो जरूर कर देगा लेकिन उसका कोई भविष्य नहीं होता है। उदाहरण के तौर पर आप कभी ना कभी ऐसे लोगों से जरूर मिले होंगे या फिर जानते होंगे जो छोटी से छोटी बात पर भी झूठ का सहारा लेते हैं।

कई बार तो ऐसे लोगों पर ये विश्वास करना भी मुश्किल हो जाता है कि ये लोग सच बोल रहे हैं या फिर झूठ। ऐसा इसलिए क्योंकि जिंदगी को ये लोग कभी गंभीरता से नहीं लेते। हर बात पर झूठ बोलना इनकी फितरत में इस कदर शामिल हो जाता है कि ऐसे प्रवृत्ति के लोग अपनी जिंदगी का ताना बाना झूठ के इर्द गिर्द ही बुनते हैं।

लगातार कोई भी काम करें तो उसमें व्यक्ति निपुण हो जाता है ये आपने कई बार सुना होगा। ऐसा ही कुछ इस प्रवृति के लोगों के साथ भी होता है। लेकिन इतना जरूर है कि झूठ का कोई भविष्य नहीं होता। अक्सर व्यक्ति झूठ बोलकर उन कामों को भी अंजाम दे देता है जो किसी ने सोचा भी नहीं था। लेकिन वो कहते हैं ना कि झूठ कितना भी सफाई से क्या ना बोला जाए सच के सामने ज्यादा दिनों तक टिक नहीं सकता।

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