नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL)। इस लीग में किसी खिलाड़ी की किस्मत बनती है तो कई ऐसे भी होते हैं जो इसकी चकाचौंध में खो जाते हैं। आते तो हैं क्रिकेट खेलकर नाम कमाने। लेकिन, बेशुमार पैसों को देख उनका क्रिकेट (Cricket) से फोकस हट जाता है।
IPL में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) से खेल चुका ये खिलाड़ी भी कुछ ऐसा ही है, जो अब दर-दर भटक रहा है। भागा फिर रहा है। उस पर फर्जीवाड़े का आरोप है। धोखाधड़ी का मामला दर्ज है। और, कई धाराओं में पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
हम बात कर रहे हैं हरप्रीत सिंह भाटिया की, जो IPL 2010 में KKR की टीम का हिस्सा थे। फिर उसके बाद इन्होंने 2011 में पुणे वॉरियर्स के लिए भी IPL खेला। इन दो टीमों का हिस्सा बने हरप्रीत ने IPL में कुल 4 मैच खेले हैं और सिर्फ 10 की औसत से 20 रन बनाए हैं। साफ है IPL में बाकी क्रिकेटरों की तरह आए तो होंगे हरप्रीत कुछ कर गुजरने लेकिन उनकी क्रिकेट इस लीग में पूरी तरह गोल दिखी।
फर्जीवाड़े में बुरा फंसा क्रिकेटर
खैर IPL से तो सुर्खियां नहीं मिली लेकिन अब इनका नाम चर्चा में है। वजह उनकी क्रिकेट नहीं बल्कि उनका किया फर्जीवाड़ा है। उन पर सरकारी नौकरी पाने के लिए जालसाजी का आरोप लगा है। साल 2014 में हरप्रीत ने लेखपाल के पद के लिए बीकॉम की फर्जी मार्कशीट लगाई थी। अब जब अधिकारियों को उनकी मार्कशीट पर शक हुआ तो उन्होंने शक के आधार पर छानबीन शुरू की। फिर जो सच सामने आया उसके बाद तो होश ही उड़ गए।
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नौकरी के लिए लगाई फर्जी मार्कशीट
हरप्रीत सिंह भाटिया ने सरकारी नौकरी के लिए बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी का मार्कशीट लगाया था। लेकिन जब छानबीन शुरू हुई तो बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी ने बताया कि उसकी ओर से हरप्रीत के नाम का कोई मार्कशीट जारी नहीं किया गया है। बस फिर क्या था। मामला पुलिस का बन गया और हरप्रीत पर धारा 420, 468, 467, 469, 470 और 471 के तहत मामला दर्ज किया गया।
बाएं हाथ के बैटिंग ऑलराउंडर हरप्रीत सिंह भाटिया IPL में 4 मैच खेलने के अलावा छत्तीसगढ़ रणजी क्रिकेट टीम के कप्तान भी हैं। उन्होंने 70 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं, जिसमें 4000 से ज्यादा रन बनाए हैं। वहीं 77 लिस्ट ए मैचों में उनके नाम 2500 से ज्यादा रन दर्ज हैं।