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डायबिटीज में संजीविनी बूटी है कटहल

Blood Sugar

Blood Sugar

डायबिटीज (diabetes) के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। उम्रदराज ही नहीं, बल्कि बच्चे भी आसानी से इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। डायबिटीज (Diabetes) एक आजीवन रहने वाली बीमारी है। यह एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है, जिसमें मरीज़ के शरीर के रक्त में ग्लूकोज़ का स्तर बहुत अधिक होता है। जब, व्यक्ति के शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बन पाता है और शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया नहीं कर पाती हैं। जैसा कि, इंसुलिन का बनना शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह रक्त से शरीर की कोशिकाओं में ग्लूकोज़ का संचार करता है। इसीलिए, जब इंसुलिन सही मात्रा में नहीं बन पाता तो पीड़ित व्यक्ति के बॉडी मेटाबॉलिज्म पर भी इसका प्रभाव पड़ता है।

जब शरीर सही तरीके से रक्त में मौजूद ग्लूकोज़ या शुगर का उपयोग नहीं कर पाता। तब, व्यक्ति को डायबिटीज़ की समस्या हो जाती है।

आमतौर पर डायबिटीज (diabetes) के मुख्य कारण ये स्थितियां हो सकती हैं-

– इंसुलिन की कमी

– परिवार में किसी व्यक्ति को डायबिटीज़ होना

– बढ़ती उम्र

– हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल

– एक्सरसाइज ना करने की आदत

– हार्मोन्स का असंतुलन

– हाई ब्लड प्रेशर

– खान-पान की गलत आदतें

ब्लड शुगर बढ़ जाने से मरीज को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। डायबिटीज के मरीजों को खान-पान पर बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। डॉक्टरों की स्टडी के मुताबिक डायबिटीज के मरीजों में कटहल को काफी फायदेमंद पाया गया है। कच्चा होने पर कटहल को सब्जी के रूप में और पका होने पर फल की तरह खाया जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ‘नेचर’ में छपी स्टडी के अनुसार कटहल बहुत प्रभावी तरीके से डायबिटीज को कंट्रोल करता है। स्टडी में पाया गया कि कटहल का आटा 7 दिनों में ब्लड ग्लूकोज को घटा देता है। शोध में टाइप-2 डायबिटीज के 40 मरीजों की डाइट में चावल और गेहूं की जगह तीन महीने तक 30 ग्राम कटहल का पाउडर दिया गया। तीन महीने के बाद इनके फास्टिंग ब्लड शुगर, पोस्टप्रांडियल ब्लड ग्लूकोज और HbA1c के स्तर में काफी कमी देखी गई। इसके अलावा इन मरीजों के वजन में भी कमी देखी गई। स्टडी के मुताबिक कटहल का आटा ब्लड शुगर कम करने के साथ-साथ ग्लाइसेमिक नियंत्रण में भी सुधार करता है।

डायबिटीज (diabetes) के मरीजों को करना चाहिए इन चीजों का सेवन

अंडे

अंडे को प्रोटीन का पॉवरहाउस कहा जाता है। इसमें एल्ब्यूमिन प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। ये ब्लड शुगर लेवल को स्टेबल रखता है और भूख लगने वाले हॉर्मोन को दबाकर वजन घटाने में मदद करता है। डायबिटीज के मरीज अगर अपना वजन नियंत्रित रखें तो इससे उनका सेहत काफी हद तक सही रहता है। एक अंडे में 6 ग्राम उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन व शरीर के लिए आवश्यक 9 अमीनो एसिड पाए जाते हैं। सल्फर समेत अन्य खनिज-विटामिन होने के चलते अंडा बालों व नाखूनों के लिए अच्छा होता है। इसके साथ-साथ अंडे में भरपूर मात्रा में विटामिन-डी भी पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए बेहद आवश्यक है। यह शरीर में सूर्य की किरणों के अवशोषण में मदद करता है, जिससे हड्डियां मजबूत होती है।

शकरकंद

शकरकंद को स्वीट पोटैटो के नाम से भी जाना जाता है और इसमें ऊर्जा का खजाना होता है। शकरकंद डायबिटीज के लिए जरूरी कार्ब्स में से एक है। एक मध्यम आकार के शकरकंद में 4 ग्राम फाइबर और विटामिन C होता है। इसके अलावा शकरकंद में भरपूर मात्रा में विटामिन A भी पाया जाता है। सैचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा इसमें न के बराबर रहती है। शकरकंद पोटैशियम का एक बहुत अच्छा माध्यम है। यह नर्वस सिस्टम की सक्रियता को सही बनाए रखने के लिए आवश्यक है। साथ ही किडनी को भी स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

पालक

पालक स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी है, सर्वसुलभ एवं सस्ता है। पालक में पाए जाने वाले तत्वों में मुख्य रूप से कैल्शियम, सोडियम, क्लोरीन, फास्फोरस, लोहा, खनिज लवण, प्रोटीन, श्वेतसार, विटामिन ‘ए’ एवं ‘सी’ आदि उल्लेखनीय हैं। पालक में कार्ब्स और कैलोरी बहुत कम और पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। पालक बल्ड शुगर को कंट्रोल में रखता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक हरी पत्तेदार सब्जियों में पॉलीफेनोल और विटामिन C होता है। इसे नियमित रूप से खाने से डायबिटीज होने की संभावना कम हो जाती है। इसमें भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम होता है जो इंसुलिन प्रतिरोध से लड़ने में मदद करता है।

फलियां

अपने किचन में कुछ दास, फलियां और छोले हमेशा रखें। इन्हें बनाना बहुत आसान होता है और ये फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होते हैं। साथ ही ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में भी मदद करता है।

दही

दही में कई प्रकार के पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं जिनको खाने से शरीर को फायदा होता है। दही में कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन पाया जाता है और कार्बोहाइड्रेट कम होता है। दही खाने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है और ब्लड शुगर भी कंट्रोल में रहता है। कोशिश करें कि बिना चीनी वाली दही खाएं। आप चाहें तो इसमें थोड़े से जामुन या अनार डालकर भी खा सकते हैं। दही कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो कि हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। दही खाने से दांत भी मजबूत होते हैं।

बेरीज

बेरीज में प्राकृतिक मिठास होती है और ये खाने में बहुत स्वादिष्ट होते हैं। इनमें पाया जाने वाला फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट ब्लड शुगर को बढ़ने से रोकता है और दिल की बीमारी को भी दूर रखता है। इन्हें आप कई दिनों तक फ्रिज में स्टोर करके भी रख सकते हैं।

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नट्स

डायबिटीज के मरीजों को बिना नमक वाले स्नैक्स खाने चाहिए। इनसे फाइबर, प्रोटीन और हेल्दी फैट होता है जो बल्ड शुगर को कंट्रोल में रखता है। इसके अलावा इसमें पाया जाने वाला मैग्नीशियम इंसुलिन प्रतिरोध से लड़ने में मदद करता है। कैलोरी को नियंत्रण में रखने के लिए इसे संतुलित मात्रा में ही खाएं।

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