नई दिल्ली। देश में सब्जियों के बढ़े मूल्य को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। केंद्र सरकार इसको नियंत्रित करने का प्रयास भी कर रही है। इसी बीच केरल देश का पहला राज्य बन गया है, जहां किसानों के लिए फल-सब्जियों के न्यूनतम मूल्य (एमएसपी) तय किए गए हैं।
मूल्य उत्पादन लागत से 20 फीसदी से अधिक होगा। वर्तमान में सरकार ने 16 फल-सब्जियों के मूल्य तय किए हैं। इसके अलावा खाने-पीने की 21 चीजों पर एमएलपी तय की गई है। योजना 1 नवंबर से लागू होगी और तब तक राज्य में सभी सब्जियों के मूल्य तय कर दिए जाएंगे।
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इस योजना से 15 एकड़ तक में खेती करने वाले किसानों को फायदा होगा। राज्य में इसे बेचने के लिए एक हजार स्टोर भी खोले जाएंगे। केरल की इस पहल के बाद पंजाब, महाराष्ट्र, कर्नाटक जैसे राज्यों में भी किसान इस तरह की योजना को लागू करने की मांग करने लगे हैं।
मुख्यमंत्री कहा कि बाजार मूल्य नीचे गया तो उपज को आधार बनाया जाएगा
केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने कहा कि यह योजना किसानों को आर्थिक रूप से और ज्यादा मजबूत बनाएगी। सब्जियों का आधार मूल्य उनकी उत्पादन लागत से 20 फीसदी अधिक होगा। अगर बाजार मूल्य इससे नीचे चला गया है, तो किसानों से उनकी उपज को आधार मूल्य पर जोड़ा जाएगा। सब्जियों को क्वालिटी के अनुसार बांटा जाएगा और आधार मूल्य के के हिसाब से तय किया जाएगा। केरल में पिछले साढ़े चार साल में सब्जी उत्पादन 7 लाख टन से बढ़कर 14.72 लाख टन हो गया है।
महाराष्ट्र में भी अब ऐसी योजना की मांग उठ रही है। महाराष्ट्र में किसान अंगूर, टमाटर, प्याज जैसी फसलों को लेकर काफी परेशान हैं। तीन साल पहले यहां किसानों को अंगूर 10 रुपये किलो में बेचना पड़ रहा था, जबकि उसकी लागत 40 रुपये किलो तक आ रही थी। पंजाब के किसान संगठन भी सब्जियों और फलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने की मांग कर रहे हैं।
केरल के कृषि विशेषज्ञ जी. जनार्दन का कहना है कि एमएसपी तय करने से यहां के किसान फल-सतर्कता उगाने के लिए प्रेरित होंगे। उन्हें यह भरोसा मिलेगा कि वे अपनी उपज का एक निश्चित मूल्य हासिल करेंगे।