Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

काम में बाधा डालने कर्मचारियों को पाताल से भी ढूंढकर करेंगे कार्रवाई: एके शर्मा

AK Sharma

AK Sharma

लखनऊ। प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma)  ने कहा कि विद्युत कार्मिकों व कुछ संगठनों के द्वारा कार्य बहिष्कार के लिए 72 घंटे की उनकी हड़ताल पूरी तरह से असंवैधानिक एवं लोगों के व राष्ट्र के हित में नहीं है। यह देश एवं प्रदेश के विकास में बाधा बनेगा। ऐसा कृत्य सिर्फ कुछ राष्ट्रविरोधी लोग व ताकतंे ही कर सकती हैं। जो अपनी हठधर्मिता के कारण ऐसी परिस्थिति पैदा किये हैं। उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों से विद्युत आपूर्ति को बाधित एवं क्षतिग्रस्त करने की शिकायतें मिली हैं। ऐसे असमाजिक तत्वों को सख्त संदेश है कि किसी भी प्रकार का संवेदनहीन एवं राष्ट्र विरोधी कार्य करके वे पृथ्वी, आकाश व पाताल में कहीं पर भी छिप नहीं सकते। उन्हें खोज निकाला जायेगा और कानूनी कार्यवाही करते हुए कठोर दण्ड दिया जायेगा। ऊर्जा मंत्री आज शक्ति भवन में प्रदेश की विद्युत व्यवस्था एवं आपूर्ति के सम्बंध में प्रेसवार्ता कर जानकारी दे रहे थे।

विद्युत आपूर्ति पूरी तरह से नियंत्रण में

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma)  ने प्रेसवार्ता में कहा कि मैं राज्य की जनता व उपभोक्ताओं को आश्वस्त करता हूं कि प्रदेश में विद्युत आपूर्ति पूरी तरह से नियंत्रण में है। सप्लाई, डिमांड एवं स्थानीय आपूर्ति पूरी तरह से नियंत्रित है। विद्युत आपूर्ति एवं उत्पादन पर्याप्त है। यहां किसी प्रकार की समस्या नहीं है। केन्द्रीय पूल से भी पर्याप्त बिजली मिल रही है। कहीं से भी कोई बड़ी घटना या अप्रिय समाचार नहीं है। फिर भी चुनौती और समस्या अभी है, इसलिए सभी लोग इस समय धैर्य का परिचय दें। शीघ्र ही इस समस्या का समाधान कर लिया जायेगा। उन्होंने लोगों एवं सभी जन-प्रतिनिधियों से भी अपील की है कि इस समय जो भी कार्मिक व्यवस्था बनाने में सहयोग कर रहे हैं, अपनी जिम्मेदारियों का लगन से निर्वहन कर रहे हैं, ऐसे कार्मिकों का किसी भी प्रकार से उत्पीड़न न हो, इसका ध्यान रखें, बल्कि उनका सहयोग ही करें।

काम में बाधा डालने वालों को तलाश कर होगी कार्रवाई

ऊर्जा मंत्री (AK Sharma) ने कहा कि इस समय जो लोग सरकार के कार्यों में व्यवधान डालकर लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं, उन्हें पहचानें। बिना कानून को हाथ में लिये, ऐसे लोगों को विद्युत आपूर्ति बाधित करने से रोकें। विगत रात्रि में कुछ जिलों से ऐसी घटनाएं आयी हैं जिसमें विद्युत कर्मियों ने विद्युत आपूर्ति में बाधा पहुंचायी है और फीडर, ट्रांसफार्मर व लाइन को क्षतिग्रस्त भी किया है। ऐसे लोग चाहे जंगल, आकाश व पाताल कहीं पर भी रहे, उन्हें खोजकर उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही अवश्य की जायेगी। उन्होंने डीजी विजलेंस, पॉवर कारपोरेशन को निर्देश दिये कि स्थानीय पुलिस के सहयोग से ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करें। बातचीत का लोकतांत्रिक तरीका सभी के लिए अभी भी खुला हुआ है लेकिन राष्ट्रीय सम्पत्ति का नुकसान किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। कल रात में एसएलडीसी जो कि एक राष्ट्रीय कॉरीडोर से जुड़ा संस्थान है उसके कार्यों में बाधा उत्पन्न की गयी, जो कि स्वीकार्य नहीं है।

संयुक्त संघर्ष समिति के कार्य जन विरोधी

एके शर्मा (AK Sharma)  ने कहा कि संयुक्त संघर्ष समिति के कार्य जन विरोधी हैं। इसीलिए कुछ और संगठनों ने कार्य बहिष्कार, हड़ताल से अपने आपको अलग कर लिया है, वे जनता की सेवा में समर्पित हैं, इसमें शक्ति भवन मुख्यालय कर्मचारी संघ, उ0प्र0 पॉवर ऑफिसर्स एसोसिएशन, विद्युत तकनीकी कर्मचारी एकता संघ, विद्युत मजदूर पंचायत संघ, विद्युत मजदूर संगठन एवं संविदा मजदूर संगठन, प्रमोटेड पॉवर इंजीनियर वेलफेयर एसोसिएशन, उ0प्र0 अनुसूचित जनजाति बिजली कर्मचारी अधिकारी महासंघ, उ0प्र0 राज्य विद्युत परिषद कर्मचारी लेखा महासंघ, विद्युत कर्मचारी मोर्चा संगठन सभी सरकार का सहयोग कर रहे हैं।

प्रदेश में गहराया बिजली संकट, ऐसे संचालित हो रहाई अनपरा-बी और डी

और उन्होंने हर तरह से हड़ताल का विरोध किया है और कहा है कि हम 24 घंटे कार्य करने के लिए तैयार हैं। कई राष्ट्रीय और निजी संस्थानों ने भी इस आपदा से निपटने के लिए अपने कुशल कार्मिक उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। इसमें एनटीपीसी, बजाज पॉवर, प्रयागराज का टाटा पॉवर, लैंको, केस्को, पॉवर ग्रिड कारपोरेशन, राज्य के बाहर की सरकारी कम्पनियां एवं भारत सरकार की कम्पनियां, संयुक्त उपक्रम अपने कार्मिकों की सेवाएं देने को तैयार हैं।

काम न करने वालों को हटाकर नौजवानों को देंगे रोजगार

उन्होंने कहा कि शिकायतें हैं कि कुछ कार्मिक उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर करके गायब हो जाते हैं। ऐसे कर्मियों से अनुरोध है कि वे या तो ठीक से कार्य करें या घर बैठें। अधिकारी ऐसे कार्मिकों का संज्ञान लें। ऐसे आउटसोर्सिंग व संविदा कार्मिक जो कार्य पर नहीं आ रहे हैं उन्हें अतिशीघ्र निकालने की प्रक्रिया शुरू की जाय। ऐसे लोगों का मानदेय बंद किया जाय। उनके कार्यों की अब हमें आवश्यकता नहीं है, हम उनके स्थान पर दूसरे नौजवानों को नौकरी देकर कार्य करवा लेंगे। आउटसोर्सिंग मानवबल उपलब्ध कराने वाले एजेन्सियों को सम्बंधित जिलाधिकारी के संरक्षण में लाकर उनके कार्मिकों की उपस्थिति चेक की जाय।

हड़ताल कर्मचारी संगठन व कर्मचारी हित में नहीं

उन्होंने कहा कि इस हड़ताल को रोकने के सभी प्रयास विफल हो गये हैं। पॉवर कारपोरेशन को 93 हजार करोड़ रूपये का घाटा हो रहा है तथा 82 हजार करोड़ रूपये का बैंक लोन भी है। इतने नुकसान के बावजूद इस वर्ष कार्मिकों को बोनस दिया गया, जो कि विगत 05 वर्षों से नहीं दिया जा रहा था। वित्तीय संकट से जूझ रहे पॉवर कारपोरेशन ने अपने कार्मिकों के हितों की चिन्ता कर रहा है लेकिन कार्मिक राजस्व की वसूली करने व लाइन लॉस को कम करने में रूचि नहीं ले रहे हैं। यह हड़ताल कर्मचारी संगठन व कर्मचारी हित में नहीं है। यह कहीं और से प्रेरित है।

Exit mobile version