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जो लालच के कारण नहीं बदलते हैं अपना स्वभाव- चाणक्य नीति

धर्म डेस्क। चाणक्य नीति शास्त्र आचार्य चाणक्य के द्वारा रचित ग्रंथ है। इस ग्रंथ में उन्होंने मनुष्यों के कल्याण के लिए कई सूत्र दिए हैं, जिनका पालन करके व्यक्ति सफलता की ऊंचाइयों को छू सकता है। आचार्य चाणक्य ने अपने इस नीति ग्रंथ में बताया है कि अगर व्यक्ति में ये चार बातें होती हैं तो उससे बड़ा धनवान व्यक्ति और कोई नहीं होता है। ये चार बातें दरअसल व्यक्ति की अच्छी आदतें हैं जो उसे एक सफल व्यक्ति के रूप में स्थापित करती हैं। ये चार आदतें इस प्रकार हैं..

आचार्य चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति किसी लालच या स्वार्थ के कारण अपना स्वभाव नहीं बदलते हैं ऐसे व्यक्ति कभी भी गरीब नहीं होते हैं। ऐसे लोग न केवल दिल से अमीर होते हैं बल्कि मां लक्ष्मी की भी विशेष कृपा इन पर बरसती है। इंसान को कभी भी स्वार्थ के लिए अपना स्वभाव नहीं बदलना चाहिए। व्यक्ति को हर इंसान के साथ समान आचरण और बर्ताव करना चाहिए।

एक सफल व्यक्ति वही होता है जो अपने इरादों का पक्का और मेहनती होता है। ऐसे व्यक्ति धनवान होते हैं। परंतु इसके विपरीत जो लोग आज के काम को कल पर टालते हैं, ऐसे लोगों के पास धन कभी नहीं आता है। चाणक्य कहते हैं कि सफलता में आलस बड़ी बाधा है। यह इंसान का सबसे बड़ा शत्रु है। आचार्य चाणक्य के अनुसार, जीवन में सफल और धनवान बनने के लिए व्यक्ति को आलस त्याग देना चाहिए।

चाणक्य नीति के अनुसार, विनम्र स्वभाव के व्यक्ति जल्दी सफलता हासिल करते हैं। दरअसल, व्यक्ति का दूसरों के साथ कैसा बर्ताव है, यह भी उसकी सफलता को तय करता है। ऐसे में व्यक्ति को व्यवहार को लेकर बड़ा ही सतर्क और सजग रहना चाहिए।

गलत आदतों से जो खुद को रखते हैं दूर

बुरी आदतें व्यक्ति को हमेशा बुरे परिणाम की ओर ले जाती हैं। इसलिए चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य ये कहते हैं कि व्यक्ति को हमेशा गलत आदतों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। गलत आदतें व्यक्ति को कभी भी सफल और धनवान नहीं बनने देती हैं।

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