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वोकेश्नल डिग्री वालों को मिले UPSC सिविल सेवा परीक्षा में बैठने की इजाजत

नई दिल्ली| दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व मनीष सिसोदिया ने ने व्यावसायिक विषय से स्नातक की डिग्री को अन्य विषयों के स्नातक के बराबर मानने की जरूरत पर बल दिया है। इस सम्बंध में उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की है। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से व्यावसायिक स्नातकों को सिविल सेवा की परीक्षा (यूपीएससी) में बैठने की पात्रता देने की भी मांग की है।

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दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस सम्बंध में कहा की  नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में व्यावसायिक शिक्षा पर जोर देने की बात की गई है, लेकिन इसका परिणाम कैसे सामने आएगा जब तक कि हमारी व्यवस्था व्यावसायिक विषय की पढ़ाई कर चुके लोगों को सम्मान नहीं देगी।

उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) जैसे विश्वविद्यालयों में नामांकन के दौरान 12 वीं कक्षा में व्यावसायिक विषयों या कौशल आधारित विषयों में अध्ययन करने वाले छात्रों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है। सिसोदिया ने कहा कि इसी प्रकार व्यावसायिक शिक्षा में स्नातक करने वाले छात्रों को अन्य विषयों के स्नातकों के बराबर नहीं माना जाता है । उन्हें उच्च शिक्षा एवं नौकरियों में समान अवसर नहीं मिल पात । वे सिविल सेवा की परीक्षाा में बैठने के भी पात्र नहीं हैं। ऐसे में व्यावसायिक शिक्षा को हम कैसे आगे बढ़ा सकते हैं ।’

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उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमने इस मसले को केंद्र के साथ उठाया है कि हमें व्यावसायिक विषय के छात्रों को दूसरे विषयों के छात्रों के बराबर मानने की जरूरत है। वे कुछ हद तक इससे सहमत हैं, लेकिन यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर अंततः निर्णय उन्हें ही करना है।

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