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यमुना नदी के अंदर मरी मिली हजारों मछलियां, इलाके में मचा हड़कंप

Thousands of fish dead

Thousands of fish dead

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के बलरई इलाके से प्रवाहित यमुना नदी में हजारों की संख्या में विभिन्न प्रजाति की मछलियों मौत हो जाने से हडकंप मच गया है। फिलहाल मौत की वजहों का कोई पता नहीं चल सका है। जसवंतनगर के उपजिलाधिकारी नंदप्रकाश मौर्य ने मछलियों की मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि मत्स्य विभाग को पूरे प्रकरण पर नजर रखने के लिए अवगत करा दिया गया है।

बता दें यमुना नदी में मरी हजारों छोटी मछलियों के मिलने से हड़कंप मच गया है। एक से दो किलोमीटर के दायरे मे यमुना नदी के किनारे पर मरी मछलियां पड़ी हुई दिखाई दे रही हैं। मछलियों के मरने की वजह अभी तक साफ नहीं हो पाई है लेकिन स्थानीय लोग इतनी बड़ी संख्या में मछलियों के मरने के पीछे प्रदूषण को बड़ी वजह मान कर चल रहे हैं।

मृत मछलियों में अधिकतर ‘तिलपिया’प्रजाति की हैं। जानकारों के अनुसार नदी का जलस्तर बढ़ने से सिल्ट की मात्रा बढ़ गई है। इसके चलते पानी में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने से ऐसी घटनाएं हुई होंगी।

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पानी में तीन पीपीएम से कम आक्सीजन होने पर या जहरीला पानी होने पर मछलियां मरने लगती हैं। इसी वजह से हजारों मछलियों की मौत हुई हो। इस गंदगी में कछुए नहीं मरते हैं। वे गर्दन बाहर निकालकर हवा से ऑक्सीजन ले लेते हैं। वहीं, मछलियों को पानी से ही आक्सीजन लेना होता है।

भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून के पूर्व संरक्षण अधिकारी डा.संजीव चौहान का कहना है कि अमूमन जब कभी भी बरसात का पहला पानी नदियों में प्रवेश करता है तो इस तरह के वाक्ये आम होते हैं, यह कोई नयी प्रकिया नहीं है। असल में सिल्ट और ठहरे हुए पानी में अमूमन गंदगी की आमद होती है, जिससे मछलियों की मौत हो जाना आम बात है।

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