संगमनगरी के सिविल लाइंस थाने से तीन मुल्जिम दिनदहाड़े रोशनदान तोडक़र फरार हो गए। जानकारी पर पुलिसकर्मियों के होश उड़ गए। देर रात तक न सिर्फ सिविल लाइंस बल्कि शहर भर की फोर्स तलाश में लगी रही लेकिन मुल्जिमों का कुछ पता नहीं चला। हालांकि सिविल लाइंस इंस्पेक्टर घटना से इंकार करते रहे।
सूत्रों के मुताबिक, तीनों मुल्जिम करेली के करामात की चौकी मोहल्ले के रहने वाले हैं। जिनकी उम्र 18 से 30 साल है। एक दिन पहले उन्हें पकडक़र थाने लाया गया था। थाने लाए जाने के बाद बृहस्पतिवार रात में उन्हें लॉकअप में रखा गया। लेकिन शुक्रवार दोपहर तीनों को थाने में प्रभारी निरीक्षक कार्यालय के बगल स्थित विवेचना कक्ष में ले जाया गया।
पूछताछ के बाद तीनों को वहीं छोडक़र पुलिसकर्मी चले गए। कुछ देर बाद दोबारा पूछताछ के लिए पहुंचे तो तीनों मुल्जिम गायब मिले जिस पर पुलिसकर्मियों के होश उड़ गए।
टूटा मिला रोशनदान
खोजबीन शुरू हुई तो रोशनदान टूटा मिला, जिससे आशंका जताई गई कि इसी रास्ते से तीनों फरार हुए। दिनदहाड़े तीन मुल्जिमों के फरार होने पर थाने में हडक़ंप मच गया। पहले तो थाने के स्टाफ ने अपने स्तर से ही मुल्जिमों की खोजबीन की। लेकिन कई घंटे बीत जाने के बाद भी उनके नहीं मिलने पर अफसरों को सूचना दी। जानकारी पर अफसर भी थाने पहुंचे और जांच पड़ताल की। अफसरों के निर्देश पर सिविल लाइंस के साथ ही शहर के अन्य थानों की फोर्स व एसओजी भी तलाश में लगी लेकिन कुछ पता नहीं चला।
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देर रात तक मुल्जिमों का कोई सुराग पुलिस हासिल नहीं कर सकी थी। इससे पहले रात में ही पुलिस ने फरार हुए एक मुल्जिम के भाई को करेली से थाने उठा लाई। लेकिन वह भी कुछ बता नहीं सका। मामले में सिविल लाइंस इंस्पेक्टर रविंद्र प्रताप सिंह से बात की गई तो उन्होंने किसी मुल्जिम के फरार होने की घटना से इंकार किया। उनका कहना है कि दो नाबालिगों को पूछताछ के लिए लाया गया था जिन्हें उनके परिजनों की सुपुर्दगी में दे दिया गया। उधर सीओ सिविल लाइंस से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने कॉल ही नहीं रिसीव की।
अफसर के निर्देश पर पकड़े गए थे, इसलिए छूटा पसीना
सूत्रों के मुताबिक, थाने से फरार होने वाले तीनों मुल्जिम चोरी के मामले में पकड़े गए थे। वह चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों व पीए सिस्टम की बैट्रियां चुराते थे। पिछले दिनों उन्होंने थार्नहिल चौकी क्षेत्र के साथ ही कई जगहों पर बैट्री चोरी की वारदात अंजाम दी थी। जिसके बाद आईट्रिपलसी की मदद से पुलिस के एक आला अफसर ने मुल्जिमों को ट्रेस किया था। जिनके निर्देश पर ही सिविल लाइंस पुलिस ने तीनों को करेली से पकड़ा। सूत्रों का कहना है कि पुलिसकर्मियों के पसीने इसलिए भी छूटे रहे क्योंकि इस मामले की मॉनिटरिंग सीधे खुद आला अफसर कर रहे थे।
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सूत्रों का यह भी कहना है कि सिविल लाइंस पुलिस की लापरवाही से एक बड़ा मामला खुलते-खुलते रह गया। दरअसल करेली से पकड़े गए युवकों ने चोरी की बात कबूल ली थी और उन्होंने यह भी बता दिया था कि चोरी का माल उन्होंने कहां और कैसे ठिकाने लगाया। यह जानकारी मिलने के बाद सिविल लाइंस पुलिस की एक टीम ने प्रतापगढ़ में दबिश भी दी। हालांकि बरामदगी से पहले ही मुल्जिम फरार हो गए।