उत्तर प्रदेश की बुलंदशहर जिला अदालत ने हत्या के एक सात साल पुराने मामले में तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा के साथ 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार गौतमबुद्धनगर जिले के दादरी थाने में बछड़ी घोड़ी निवासी राजेंद्र उर्फ लीलू के अपहरण कर हत्या करने की आशंका जताते हुए 28 मई 2013 को खुर्जा कोतवाली में सूचना दी गई थी। इस घटना में राजेंद्र उर्फ लीलू की पत्नी विमलेश पर भी पति की हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाते हुए कहा गया कि विमलेश के आरोपी नरेश के साथ नाजायज संबंध थे। इसकी जानकारी राजेंद्र उर्फ नीलू को हो गई थी । उसकी पत्नी विमलेश भी पति की संपत्ति को हड़पने और प्रेमी नरेश के साथ रहने के उद्देश्य पति की हत्या की साजिश में शामिल रही।
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इस मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर खुर्जा कोतवाली इलाके में समसपुर गांव के एक कुएं से राजेंद्र उर्फ लीलू का शव बरामद किया गया। इस मामले में उसके भाई की तहरीर के आधार पर धारा 364 302 201 और 120 बी के तहत रिपोर्ट दर्ज कर मामले की विवेचना के बाद चारों आरोपियों नरेश, बंटी ,भूदत्त और विमलेश के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था।
मुकदमे की अंतिम सुनवाई करते हुए अपर जिला सत्र न्यायाधीश (पंचम) श्रीमती नीलम ढाका ने गवाहों के बयान पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त नरेश, बंटी और भूदत्त को राजेंद्र उर्फ लीलू का अपहरण कर हत्या करने का दोषी करार देते हुए तीनों अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई । साथ ही तीनों पर 25-25 रुपये का जुर्माना भी लगाया जबकि मृतक की पत्नी विमलेश को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया।
मुकदमें की पैरवी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता नवनीत कुमार शर्मा ने की।