उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने फर्जी प्रमाण-पत्राें के आधार पर शिक्षकाें की नियुक्ति एवं साल्वर गिरोह एवं परीक्षा केन्द्र का प्रबंधन व प्रतियोगी परीक्षाओं का रिजल्ट तैयार करने वाली कम्पनी से सांठ-गांठ कर टीजीटी/पीजीटी में भर्ती कराने वाले गिराेह सरगना समेत तीन लोगाें लखनऊ से आज गिरफ्तार कर लिया।
एसटीएफ प्रवक्ता ने शुक्रवार शाम यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एसटीएफ ने सूचना मिलने पर फर्जी प्रमाण-पत्रों के आधार पर शिक्षकाें की नियुक्ति एंव साल्वर गिरो, परीक्षा केन्द्र का मैनेजमेण्ट व प्रतियोगी परीक्षाओं का रिजल्ट तैयार करने वाली कम्पनी से सांठ-गांठ कर टीजीटी व पीजीटी शिक्षक भर्ती कराने वाले गिराेह का सरगना फिरोजाबाद निवासी शिक्षक राम निवास उर्फ राम भईया के अलावा गाजियाबाद डाटा साफ्ट कम्प्यूटर सर्विसेज प्रालि का प्राेडक्शन मैनेजर गया बिहार निवासी संजय सिंह और आगरा निवासी देवरिया के बनकटा प्राइमरी स्कूल में तैनात फर्जी शिक्षक रविन्द्र कुमार उर्फ रवि को शुक्रवार सुबह लखनऊ के विभूतिखंड पिकप तिराहा से गिरफ्तार कर लिया।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से आठ मोबाइल फोन, विभिन्न बैंकों की चेक बुक,अन्य विभाग के कार्ड और कुछ मोहर, 25 पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ,परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से सम्बन्धित प्राईमरी अध्यापक का सत्यापन फार्म- 7 वर्क, राम निवास द्वारा हस्तलिखित व टाइपसुदा टीजीटी परीक्षा के 34 कन्डीडेट की सूची, टीजीटी परीक्षा से सम्बन्धित 26 कन्डीडेट की टाइपसुदा सूची, हिसाब किताब की डायरी-दो मीडियम व एक पाॅकेेट,खण्ड शिक्षाधिकारी द्वारा 16.01.2021 को जारी कारण बताओ नोटिस की मूल प्रति। सैलरी स्लिप संजय कुमार, एडमिट कार्ड मगध यूनिवर्सिटी बोधगया, बिहार- 13 अदद मय परीक्षा फार्म, बिहार लोकसेवा आयोग उत्तर पुस्तिका, मगध यूनिवर्सिटी बोधगया, बिहार की सात मार्क शीटों के अलावा परीक्षा नियंत्रक प्रार्थना-पत्र बोधगया यूनिवर्सिटी अभ्यर्थी माला कुमारी, मगध यूनिवर्सिटी बोधगया के बड़ी संख्या में मार्क शीट स्टेटमेन्स और अन्य कागजात के अलावा ढ़ाई लाख रुये की नकदी के अलावा खाते में फ्रीज करायी गयी धनराशि 19,00,000 रुपये किए गये।
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प्रवक्ता ने बताया कि पिछले कई वर्षों से प्रदेश के प्रतियोगी परीक्षाओं में अनुचित तरीके अपना कर फर्जी अभ्यर्थियाें की नियुक्ति किये जाने के सम्बन्ध में कई गैंग सक्रिय हाेने की सूचना प्राप्त होने पर एसटीएफ ने समय-समय पर भण्डाफाेड किया जाता रहा है। उन्होंने बताया कि इस गिरोह को पड़ने के लिए एसटीएफ की टीमें लगी थी और आज सुबह सूचना मिली कि शिक्षक भर्ती कराने वाले गिरोह का सरगना रामनिवास उर्फ राम भईया अपने कुछ साथियों से मिलने औ पैसो व प्रपत्राें का लेन-देन करने आज लखनऊ पिकप भवन के पास पहुंचेगा। इस सूचना पर एसटीएफ की टीम बताये गये स्थान पर पहुंची और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ पर बताया कि देवरिया में विनय तिवारी व कुशीनगर मे मनीष यादव फर्जी प्रमाण पत्राें के आधार पर प्राईमरी अध्यापक के रूप में तैनात हैं, जाे विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अनुचित तरीके से अभ्यर्थियाें काे नियुक्त कराने का काम करते हैं। वर्ष 2016 में हुयी 15000 प्राथमिक शिक्षकाें की भर्ती के लिए रामनिवास ने इन्हे अपने 15 कैडिडेट दिये थे व प्रति कैडिडेट 06 लाख की दर से 90 लाख रूपये भी दिये थे।
इसके सभी 15 कैंडिडेटाे की देवरिया में इनके माध्यम से ज्वाइनिंग भी हाे गयी लेकिन कुछ माह बाद उन्हें फर्जी रूप से नियुक्त बता कर निकाल दिया गया था, जिससे वे सभी रामनिवास पर पैसा वापसी का दबाव बनाने लगे।
प्रवक्ता ने बताया कि वर्ष 2017 मे 68500 व वर्ष 2018 में 69000 प्राईमरी शिक्षको की भर्ती प्रक्रिया मे रामनिवास व रवीन्द्र ने अपने कैंडिडेट भर्ती कराने का पुनः प्रयास किया और अपने सभी कैंडिडेट भर्ती भी करा दिये। इन दाेंनाें वर्षाे की प्राइमरी शिक्षको की चयन प्रक्रिया से सम्बन्धित समस्त विवरण विभाग की बेवसाइट पर उपलब्ध था, जिसे काेई भी देख सकता था। बेवसाइट देखने से यह पता चला कि कई अभ्यर्थी एैसे हैं, जिनका वर्ष 2017 व 2018 दाेनों में चयन हुआ है तथा एक चयन प्रक्रिया मे उन्हाेंने अपनी ज्वाईनिंग दे दिया तथा दूसरी चयन प्रक्रिया का पद रिक्त हाे गया। रिक्त पद से सम्बन्धित नाम, पता, मार्कशीट आदि नेट से डाउनलोड कर प्रिन्ट करा लिया तथा उक्त नाम पते वाले व्यक्ति का फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आई0डी0 कार्ड व शैक्षिक दस्तावेज उसने अपने साथी नीरज जाे प्राईमरी अध्यापक है तथा शिकाेहाबाद मे तहसील तिराहे पर शिवम फोटाे के नाम से दुकान चलाने वाले छोटू की मदद से तैयार करा लिया।
उन्होंने बताय कि उक्त प्रपत्राें पर फोटाेग्राफ अपने कैडिडेट की चस्पा करायी जिसकाे प्राईमरी शिक्षक के रूप मे नियुक्त कराना था। इस प्रकार रामनिवास ने अपने साथी रवीन्द्र कुमार की मदद से जालौन व हरदाेई जिले में 09-09, इटावा में 10, अमेठी मे 05, गाेण्डा , बलरामपुर,औरैया में एक-एक, श्रावस्ती मे 08 तथा सीतापुर, हाथरस व प्रयागराज जिलो में 100 से अधिक प्राथमिक शिक्षकाें काे फर्जी रूप से नियुक्त कराया और करोड़ो रूपये कमाये। विभिन्न वर्षाे में नियुक्त फर्जी शिक्षकाें का सत्यापन नियुक्ति जिलो द्वारा परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के स्तर से कराया जा रहा था। फर्जी शिक्षकाें काे बेसिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट व अन्य माध्यमाे से चिन्हित कर सत्यापन प्रक्रिया काे रामनिवास द्वारा सुलभ बनाते हुये सम्बन्धित फर्जी शिक्षकों से काफी धनराशि वसूली गयी। इस कृत्य मे परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के लिपिक नरेन्द्र कन्नौजिया से सांठ-गांठ कर सत्यापन प्रक्रिया पूर्ण करायी, जिसके बदले लिपिक नरेन्द्र ने प्रति कैंडिडेट 50 हजार रूपये राम निवास से नकद व खाते के माध्यम से प्राप्त किये।
प्रवक्ता के अनुसार इस कार्य मे परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय प्रयागराज के कई अन्य कर्मियों से भी सहयाेग लेता रहा। इसके अतिरिक्त परीक्षा की आन्सर-की के माध्यम से भी अपने कई कैंडिडेट काे इन परीक्षाओं मे पास करवाया। अपने साथी नीरज की मदद से साल्वर बैठा कर भी कुछ कैँडिडेट पास कराये। वर्ष 2021 में हुई परीक्षा में अधिक सख्ती हाेने के कारण आन्सर-की के माध्यम से व साल्वराे के माध्यम से अपने कैंडिडेट का काम नहीं करा सका। राम निवास के साथी रवीन्द्र ने उसकी मुलाकात डाटा साफ्ट कम्प्यूटर सर्विसेज प्रा0लि0, दिल्ली के मैनेजर संजय सिंह से करायी,जिन्हाेंने परीक्षा वर्ष 2021 मे प्रतिभाग करने वाले अपने कैेंडिडेट की सूची देने काे कहा तथा यह भी बताया कि इन परीक्षाओं का रिजल्ट तैयार करने वाली कम्पनी के लोगाें से उनके सम्बन्ध हैं, इसलिए ओएमआर शीट चाहे खाली अथवा भरी हाें दाेंनाें स्थितियों में मैनेज कर रिजल्ट में पास करवा देंगे। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।