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ठक-ठक गिरोह के तीन बदमाश गिरफ्तार, लूट को अंजाम देने का बताया तरीका

thak-thak gang

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उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के नोएडा के सेक्टर 39 थाना पुलिस ने गुरुवार की सुबह गुलेल और छर्रों की मदद से कार का शीशा तोड़कर लूट-पाट करने वाले ठक-ठक गिरोह के तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया।

पुलिस ने गिरफ्तार बदमाशों के कब्जे से चोरी के चार लैपटॉप, दो लैपटॉप बैग, एक पर्स, 510 डॉलर, 550 यूरो, 1665 युआन, 305 दिरहम, 160 थाई करेंसी, 8870 रुपये, तीन अंगूठी, एक पेन ड्राइव, एक गुलेल, एक पॉकेट छर्रे, एक स्कूटी बिना नम्बरकी बरामद की है। पुलिस ने पकड़े गए तीनों बदमाशों के नाम संजय, अमित और राजू बताएं है। तीनों बदमशा ठक-ठक गिरोह के सदस्य हैं जो दिल्ली के मदनगीर इलाके में रहते हैं।

एडीसीपी रणविजय सिंह के मुताबिक गाड़ियों में से शीशा तोड़कर लैपटॉप चुराने वाला गैंग नोएडा और एनसीआर में सक्रिय हैं। कुछ दिन पहले ही थाना 49 पुलिस ने इस प्रकार के गैंग के लोगों को गिरफ्तार किया था। इस बार थाना 39 पुलिस ने ऐसे शातिर गुलेल मार शीशा तोड़कर सामान चुराने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को पकड़ा है।

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गिरफ्तार बदमाशों पर नोएडा के विभिन्न इलाकों में 74 मामले दर्ज हैं जिनमें से एक पर 39, दूसरे पर 30 और तीसरे पर 15 घटनाओं में एफआईआर दर्ज हैं।

एडीसीपी के मुताबिक गैंग के सदस्य सेफ्टी पिन में छोटी सी गुलेल बनाते थे। उसमें साइकिल में इस्तेमाल किए जाने वाले छर्रे से कारके शीशे पर मारते थे। शीशा हल्के आवाज के साथ चूर-चूर हो जाता था। फिर ये रुमाल से शीशे को साफ कर कार में रखे लैपटॉप, बैग, नकदी और दूसरे सामान उड़ा लेते थे।

जानकारी के अनुसार बदमाश गिरोह को डेरा के नाम से पुकारते हैं। दिल्ली के मदनगीर में इन बदमाशों के करीब 100 डेरे हैं और हर डेरे में 5-6 सदस्य हैं। इसतरह से करीब 500 से 600 लोग इस चोरीकी घटनाओं को अंजाम देते थे। दक्षिण भारत के रहने वाले ये जाति से आदिवासी हैं, लेकिन इनकी भाषा तमिल, तेलुगू या कन्नड़ नहीं है। इन्होंने आपसी बातचीत के लिए अपनी कोडवर्ड की अलग भाषा तैयार कर रखी है।ये गिरोह अबतक कई हजार चोरी की वारदातोंको अंजाम दे चुके हैं।

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