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2001 में सीजेएम की हत्या मामले में तीन को उम्रकैद की सजा

Life Imprisonment

life imprisonment

लखीमपुर खीरी। नीमगांव इलाके में 2001 में तत्कालीन मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) बालक राम की डकैती के दौरान हुई हत्या के मामले में तीन दोषियों को उम्रकैद (Life Imprisonment) की सजा सुनाई गई है। जिले के सहायक सरकारी वकील (एडीजीसी) रमा रमन सैनी ने अदालत के फैसले के बारे में जानकारी देते हुए कहा, अपर जिला न्यायाधीश अनिल कुमार यादव द्वितीय ने राम लखन, श्यामू सिंह और प्रेम पाल सिंह पर दस-दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। उन्होंने बताया कि तीनों को बृहस्पतिवार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।

सैनी ने कहा कि अदालत ने तीनों आरोपियों को धारा 412 (डकैती के दौरान बेईमानी से संपत्ति प्राप्त करना) के तहत भी दोषी ठहराया और उन्हें 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और तीनों दोषियों पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया। उन्होंने कहा कि एक आरोपी राम लखन को शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत दोषी ठहराया गया था और अदालत ने उसे इस धारा के तहत एक साल के कारावास और 2,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। उन्होंने कहा कि अदालत ने आदेश दिया कि सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

एडीजीसी सैनी के मुताबिक, 26 जनवरी 2001 को नीमगांव पुलिस सीमा के मितौली और बेहजाम कस्बों के बीच करीब आधा दर्जन हथियारबंद लुटेरों ने सड़क पर रास्ता जाम कर दिया था। उस समय तत्कालीन सीजेएम बालक राम अपनी कार से दो अन्य लोगों के साथ र्फुखाबाद से लखीमपुर खीरी वापस जा रहे थे। एडीजीसी सैनी ने कहा कि इस दौरान लुटेरों ने सीजेएम बालक राम की कार की खिड़की का शीशा तोड़कर उन पर गोलियां चलाईं तथा नकदी और अन्य कीमती सामान लूट लिया। डकैती के बाद लुटेरे फरार हो गए।

एडीजीसी ने बताया कि कार चालक राम सिंह घायल सीजेएम को जिला अस्पताल ले गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। बाद में, राम सिंह ने नीमगांव थाने में अज्ञात बदमाशों के खिलाफ सशस्त्र डकैती व हत्या का मामला दर्ज कराया।

सैनी ने कहा कि पुलिस ने मामले की जांच की और राम लखन, दिलीप कुमार, श्यामू और प्रेम पाल सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। एडीजीसी ने बताया कि मुकदमे के दौरान आरोपी दिलीप कुमार की मौत हो गई, जबकि अन्य तीन आरोपियों राम लखन, श्यामू और प्रेम पाल सिंह को दोषी ठहराया गया।

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