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बसंत पंचमी में बन रहे है तीन महायोग, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा

Basant Panchami

Basant Panchami

देश में इस साल शनिवार, 05 फरवरी को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। इस बार बसंत पंचमी पर तीन शुभ संयोग बन रहे हैं। इस दौरान सिद्ध योग के साथ ही मकर राशि में सूर्य और बुध के एक साथ होने से बुधादित्य योग और सभी नौ ग्रहों के चार राशियों में संचार करने से केदार योग भी बन रहा है। यह योग विद्यार्थियों, साधकों, अभिनय, कला, संगीत आदि से जुड़े व्यक्तियों के लिए खास रहेंगे।

तीन शुभ योगों का हो रहा संगम

बसंत पंचमी से ही बसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है। ये पर्व पंचमी तिथि के दिन सूर्योदय और दोपहर के बीच में मनाया जाता है। इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना गया है। इस बार बसंत पंचमी पर त्रिवेणी योग बन रहा है। 4 फरवरी को सुबह 7 बजकर 10 मिनट से  5 फरवरी को शाम 5 बजकर 40 मिनट तक सिद्धयोग रहेगा। वहीं 5 फरवरी को शाम 5 बजकर 41 मिनट से अगले दिन 6 फरवरी को शाम 4 बजकर 52 मिनट तक साध्य योग रहेगा। इसके अलावा इस दिन दिन रवि योग का शुभ संयोग होने से त्रिवेणी योग बन रहा है।

बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त-

माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि शनिवार, 5 फरवरी को सुबह 03 बजकर 47 मिनट से प्रारंभ होगी, जो अगले दिन रविवार, 6 फरवरी को सुबह 03 बजकर 46 मिनट तक रहेगी। बसंत पंचमी की पूजा सूर्योदय के बाद और पूर्वाह्न से पहले की जाती है। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट यानि 5 घंटे 28 मिनट तक का रहेगा।

बसंत ऋतु आते ही प्रकृति का कण-कण खिल उठता है। मानव तो क्या पशु-पक्षी तक उल्लास से भर जाते हैं। हर दिन नई उमंग से सूर्योदय होता है और नई चेतना प्रदान कर अगले दिन फिर आने का आश्वासन देकर चला जाता है। उन्होंने कहा कि माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि से बसंत ऋतु प्रारंभ होती है। देश के विभिन्न क्षेत्रों में इसे भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है। जिसमें मुख्य रूप से बसंत पंचमी, सरस्वती पूजा, वागीश्वरी जयंती, रति काम महोत्सव, बसंत उत्सव शामिल है।

बसंत पंचमी के दिन जरूर करें सरस्वती चालीसा का पाठ

बसंत ऋतु को छह ऋतुओं में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि इस दिन सृष्टि के सबसे बड़े वैज्ञानिक के रूप में जाने जाने वाले ब्रह्मदेव ने मनुष्य के कल्याण हेतु बुद्धि, ज्ञान विवेक की जननी माता सरस्वती का प्राकट्य किया था। इसीलिए इस दिन माताएं अपने बच्चों को अक्षर आरंभ कराना शुभप्रद समझती हैं। इस वर्ष बसंत पंचमी 5 फरवरी को मनाई जाएगी। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की आराधना के साथ-साथ कामदेव की भी पूजा होती है। इसके अलावा बसंत पंचमी का दिन विवाह के लिए भी शुभ होता है।

भारतीय ज्योतिष शास्त्र में साढ़े तीन अबूझ मुहुर्त या स्वयं सिद्ध मुहूर्त कहे गए हैं, अक्षय तृतीया, विजयदशमी, बसंत पंचमी और शिवरात्रि। ज्योतिषीय मान्यता है कि यह बसंत पंचमी विशेषकर विवाह के लिए अबूझ मुहूर्त होता है और पूरे दिन दोषरहित श्रेष्ठ योग रहता है। इसके अलावा इस दिन रवि योग का भी शुभ संयोग बनता है।

बसंत पंचमी पर राशिनुसार करें सरस्वती मंत्र का जाप, होंगे बड़े लाभ

पुराणों और शास्त्रों के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन ही भगवान शिव और पार्वती का तिलकोत्सव हुआ था। इस दृष्टि से भी विवाह के लिए बसंत पंचमी का दिन शुभ माना जाता है। बसंत पंचमी पर विद्या और बुद्धि की देवी सरस्वती की पूजा के साथ ही गृह प्रवेश, कोई नया कोर्स शुरु करना, कोई तैयारी करना, नई नौकरी की शुरुआत, किसी नए काम की शुरुआत, भूमि पूजन, मुंडन आदि शुभ कार्य किए जा सकते हैं।

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