आगरा। जिले के मलपुरा क्षेत्र में दो लोगों के अपहरण के आरोप में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) आगरा कैंट थाने में तैनात इंसपेक्टर और दो पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार (Arrested) कर अपहृतों को मुक्त कराया गया।
पुलिस सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि मलपुरा थाना क्षेत्र के गांव अभयपुरा में सोमवार की रात तीन लोग वर्दी में एक राजस्थान नंबर की गाड़ी से पहुंचे। उन्होंने एक घर में पहुंचते ही तोड़फोड़ शुरू कर दी। इसके बाद उन्होंने एक युवक व उसके रिश्ते के जीजा को पकड़ लिया और गाड़ी में लाकर बैठा लिया। गाड़ी में पहले से ही एक निजी ड्राइवर मौजूद था।
बताया गया है कि वह सीधे उन्हें राजामंडी रेलवे स्टेशन की आरपीएफ चौकी पर लेकर पहुंचे और पुलिसकर्मियों ने अपहृत के मोबाइल फोन नंबर से उसके भाई पर व्हाटसअप कॉल किया और चार लाख रुपये की फिरौती मांगी। साथ ही यह भी कहा कि किसी को बताया तो दोनों को जान से मार देंगेे।
अपह्त युवक का भाई साहस करते हुए मंगलवार दोपहर मलपुरा थाने पहुंचा और पूरी घटना की जानकारी दी। थाना पुलिस ने पुलिस उप आयुक्त (पश्चिम) सत्यजीत गुप्ता को जानकारी दी, उन्होंने पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह को पूरे मामले से अवगत कराया। पुलिस आयुक्त ने अपह्तों की बरामदगी को कई टीमें गठित कर दीं। सभी टीमें अपहरणकर्ताओं के अगले फोन कॉल का इंतजार करने लगीं। इसी बीच अपहरण करने वालों का फोन आया और उन्होंने चार लाख रुपये लेकर शहीद नगर चौकी पर आने के लिए कहा।
उन्होंने थोड़ी देर बाद फिर से फोन किया और अमर होटल पर आने के लिए कहा। इसके बाद तीसरी बार फिर से फोन आया और उन्हें आने के लिए नई जगह बताई गई। पुलिस ने युवक को रुपये दिए और कहा कि वह अपहरण करने वालों को रुपये देने जाए। इस बीच पुलिस ने चारों ओर से नाकाबंदी भी कर ली। जैसे ही अपहरणकर्ता गाड़ी से आए। पुलिस ने युवक को उन्हें रुपये देने के लिए भेज दिया। युवक रुपये देने के लिए गया तो अपरहणकर्ता बोले, यह तो कम रुपये हैं। इस पर उसने कहा कि मैं बाद में दे दूंगा। इतने में पुलिस मौके पर पहुंच गई और तीनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही अपह्त कासिम व इकरार को उनके कब्जे से मुक्त करा लिया।
पुलिस उप आयुक्त (पश्चिम) सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि तीनों लोग आरपीएफ आगरा कैंट थाने में तैनात हैं। इनमें सुरेश आरपीएफ का इंसपेक्टर, पारूल और नीरज कांस्टेबल हैं। पूछताछ में उन्होंने बताया कि रकम वसूलने को फिरौती की थी। उन्होंने अपर्ह्ताओं को चौकी पर ले जाकर थर्ड डिग्री देना भी स्वीकार किया और बताया कि इसके बाद व्हाटसअप कॉल से चार लाख रुपये फिरौती मांगी थी।