पाकिस्तान में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के साथ इमरान सरकार की बातचीत बेनतीजा होने के बाद से हालात बिगड़ गए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बुधवार को टीएलपी के कट्टरपंथी इस्लामी समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प में तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई है। यही नहीं इस्लामी कट्टरपंथियों ने इस्लामाबाद जाने का एलान कर दिया है जिससे इमरान सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
इसका कारण इमरान खान सरकार द्वारा पार्टी प्रमुख साद रिजवी को रिहा करने और फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने की टीएलपी समर्थकों की मांगों को खारिज कर देना है। पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद ने कहा है कि सरकार फ्रांसीसी राजदूत को निकालने की टीएलपी की मांग को पूरा नहीं कर सकती है। सरकार के रुख को देखकर टीएलपी ने भी लड़ाई तेज करने का ऐलान किया है। वहीं दूसरी ओर सरकार ने इस्लामाबाद को छावनी में तब्दील करने का फैसला किया है।
आंतरिक मंत्री शेख राशिद ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि टीएलपी अब उग्र हो गया है। उन्होंने बताया कि टीएलपी ने आज पुलिस पर गोलियां चलाईं। इसमें तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। जबकि 70 घायल हैं, जिनमें से 8 की हालत गंभीर बनी हुई है। उन्होंने हालात काबू में करने के लिए अगले 60 दिनों के लिए पंजाब प्रांत में रेंजर की तैनाती की घोषणा भी की।
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पिछले साल नवंबर में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने क्लास में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाए जाने को अभिव्यक्ति की आजादी बताया था। इसके बाद से ही टीएलपी पाकिस्तान से फ्रांस को राजदूत को निकालने की मांग कर रही है। इसी साल अप्रैल में इसी मांग को लेकर हिंसा भड़क गई थी, जिसके बाद टीएलपी के प्रमुख साद रिजवी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।
इन दोनों मांगों को लेकर टीएलपी और इमरान सरकार के बीच हुई बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला। इसके बाद रविवार को टीएलपी ने सरकार को मांगों को पूरा करने का दो दिन का वक्त दिया था। साथ ही ये भी चेतावनी भी दी थी कि अगर मांगें नहीं मानी जाती है तो राजधानी इस्लामाबाद का घेराव किया जाएगा। इसके बाद बुधवार को टीएलपी ने इस्लामाबाद की ओर कूच किया, जिस कारण कई जगहों पर पुलिस और टीएलपी समर्थकों के बीच झड़प हुई।
न्यूज एजेंसी ने एक सीनियर पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया है कि टीएलपी समर्थकों को रोकने के लिए जगह-जगह पुलिस की तैनाती की गई है। उन्होंने बताया कि पंजाब के मुरिदके से लेकर गुजरांवाला इलाके तक इंटरनेट और फोन सर्विस को बंद कर दिया है। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लाहौर से 10 हजार पुलिसकर्मियों को इस्लामाबाद में तैनात किया गया है।
टीएलपी के आह्वान पर प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के 10 हजार से अधिक कार्यकर्ताओं ने इस्लामाबाद की ओर मार्च शुरू कर दिया है। टीएलपी के ये समर्थक पिछले तीन दिनों से जीटी रोड पर मुरीदके और गुजरांवाला के बीच डेरा डाले हुए थे।
टीएलपी संस्थापक दिवंगत खादिम रिजवी के बेटे साद रिजवी को पंजाब सरकार ने पिछले अप्रैल से सार्वजनिक व्यवस्था (एमपीओ) के तहत हिरासत में लिया है। टीएलपी समर्थक साद रिजवी की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
बताया जाता है कि लाहौर से करीब 50 किलोमीटर दूर साधोक में बुधवार को इस्लामवादियों और पुलिस के बीच उस समय झड़प हो गई जब हजारों प्रदर्शनकारी इस्लामाबाद की ओर मार्च कर रहे थे। जब टीएलपी कार्यकर्ता साधोक पहुंचे तो पुलिस ने बलपूर्वक रोका जिसके बाद यह इलाका युद्ध का मैदान बन गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।