नई दिल्ली। मोदी सरकार पड़ोसी देशों के साथ जारी तनाव के बीच सेना को और ताकतवर बनाने में जुटी है। जल्द ही भारतीय वायुसेना (आईएएफ) की ताकत में और अधिक इजाफा होने वाला है। आगामी चार दिनों में तीन और लड़ाकू विमान राफेल अंबाला में लैंड करेंगे। इसके बाद अप्रैल के मध्य तक नौ और राफेल लड़ाकू विमान फ्रांस से भारत पहुंचेंगे।
फ्रांसीसी और भारतीय राजनयिकों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, भारतीय वायुसेना की एक टीम तीन राफेल को अंबाला लाने के लिए पहले ही फ्रांस पहुंच चुकी है। उम्मीद है कि राफेल के इन तीन लड़ाकू विमानों की खेप 30 या 31 मार्च को भारत पहुंच जाएगी।
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बता दें कि भारत ने फ्रांस सरकार के साथ सितंबर, 2016 में 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 59,000 करोड़ रुपये का रक्षा सौदा किया था। फ्रांस की कंपनी दसॉ एविएशन से पांच राफेल विमानों का पहला बेड़ा 28 जुलाई को भारत पहुंचा था।
इस बेड़े ने फ्रांस से उड़ान भरने के बाद संयुक्त अरब अमीरात में हाल्ट किया था, जहां उसने ईंधन भरा था। राफेल के पहले बेड़े को जब वायुसेना में शामिल किया गया था, तब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे गेम चेंजर करार दिया था। उनका दावा था कि राफेल के साथ वायुसेना ने तकनीकी स्तर पर बढ़त हासिल कर ली है। राफेल नवीनतम हथियारों और सुपीरियर सेंसर से लैस लड़ाकू विमान है।
भारतीय वायुसेना के अंबाला स्थित गोल्डन एरो स्क्वाड्रन ने जुलाई, 2020 और जनवरी, 2021 के बीच 11 राफेल लड़ाकू विमानों को पहले ही वायुसेना में शामिल कर लिया गया है। इन्हें लद्दाख सीमा पर तैना किया गया है। बता दें कि मई 2020 की शुरुआत से ही चीन के साथ सीमा गतिरोध के बाद सेना हाई अलर्ट पर है।