जौनपुर जिले में वाराणसी-सुल्तानपुर रेल प्रखंड पर फत्तूपुर रेलवे क्रॉसिंग के पास मां की डांट के बाद तीन सगी बहनों ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। सूचना पर पहुंची पुलिस तीनों शव को कब्जे में लेकर जांच पड़ताल में जुट गई है।
पुलिस के अनुसार, महाराजगंज थाना क्षेत्र के अहिरौली गांव निवासी राजेंद्र गौतम की पांच बेटी रेनू, ज्योति, प्रीति(16) आरती(14) काजल(11) और एक बेटा गणेश(18) है। राजेंद्र गौतम की 9 साल पहले मौत हो गई थी। इनकी पत्नी आशा देवी दोनों आंख से अंधी है। परिवार पूरी तरह से गरीबी से लड़ रहा है।
विधवा पेंशन के नाम पर मां को 500 प्रति महीने मिलते हैं, जबकि बेटा गणेश दिहाड़ी पर गांव में ही मजदूरी करता था। जबकि बेटियां आसपास कटाई, मड़ाई करती थीं। परिवार का खर्च किसी तरह चलता था। इसी साल मई में रेनू की शादी हुई थी।
गणेश के अनुसार प्रीति, आरती और काजल गुरुवार की शाम लकड़ियां बीनने के लिए गई थीं, जो शाम को करीब 5 बजे घर आई तो मां ने किसी बात को लेकर उन्हें फटकार लगा दी। जिसे लेकर तीनों मां से विवाद करने के बाद घर से अपनी बुआ के घर सिंगरामऊ के लिए चल दीं।
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इधर रात 8 बजे भाई मजदूरी करके घर आया तो उसे घटना की जानकारी हुई, जो खोजबीन कर रहा था। इधर तीनों लड़कियां गांव से दूर वाराणसी-सुल्तानपुर रेल प्रखंड पहुंच गई। जहां तीनों ने फत्तूपुर गेट के 200 मीटर पश्चिम की तरफ रात 11 बजे वाराणसी से लखनऊ जाने वाली एक्सप्रेस के सामने कूदकर जान दे दी।
पुलिस के अनुसार, चालक ने हरपालगंज रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के बाद स्टेशन मास्टर को इसकी जानकारी दी। जहां से घटना की जानकारी बदलापुर पुलिस को दी गई। मौके पर रात करीब 12:30 बजे पहुंची पुलिस को एक मोबाइल मिला, जिस पर पड़ोसी का फोन आ रहा था। जिससे बात करने पर तीनों की पहचान हुई और पीड़ित परिवार को जानकारी दी गई। बदलापुर पुलिस ने सभी शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए।