उत्तर प्रदेश विधान परिषद की तीन सीटें 5 जुलाई को रिक्त हो जाएगी। वही एक सीट पहले से रिक्त है। इसके साथ कुल चार रिक्त सीटों पर भाजपा की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है।
उप्र विधान परिषद में 5 जुलाई 2021 को समाजवादी पार्टी से लीलावती कुशवाहा, रामवृक्ष यादव, जितेंद्र यादव और एसआरएस यादव की चार सीटें रिक्त होगी। इसमें से एक सीट एसआरएस यादव के निधन होने से पहले से रिक्त है।
विधान परिषद सदस्य एसआरएस यादव का 08 सितंबर 2020 को लखनऊ के पीजीआई में कोविड से लड़ते हुए निधन हो गया था। उनके निधन के बाद से ही उत्तर प्रदेश विधान परिषद की एक सीट और रिक्त हो गई थी।
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रिक्त चारों सीटों पर राज्यपाल आनंदीबेन द्वारा मनोनीत सदस्य ही विधान परिषद में पहुचेंगे। उत्तर प्रदेश की मौजूदा स्थिति में भाजपा की दावेदारी सबसे मजबूत है। माना जा रहा है कि चारों ही सीटों पर भाजपा से जुड़े चेहरों को ही स्थान मिलेगा।
भाजपा की तरफ से क्षेत्रीय टीम से लेकर प्रदेश की टीम तक कई चेहरे विधान परिषद सदस्य बनना चाहते हैं और इसमें से कई चेहरों ने पिछले बार भी भाजपा उत्तर प्रदेश के संगठन महामंत्री सुनील बंसल और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह के सामने अपनी दावेदारी की थी।
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विधान परिषद सदस्य के दावेदारों की सूची में प्रदेश भाजपा के दो चेहरों सहित शिक्षा, चिकित्सा, सांस्कृतिक, पत्रकारिता और कानून जानकार के रूप में सक्रिय लोगों के नाम शामिल हैं।