लखनऊ। यूपी कॉडर के तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने 2022 के विधान सभा चुनाव में ताल ठोंकी है। इनमें दो अधिकारियों ने वीआरएस लिया है, वहीं एक अभी हाल में सेवानिवृत्त हुए हैं। कानपुर के पहले और मौजूदा पुलिस कमिश्नर असीम अरूण ने भाजपा में अपनी आस्था जताते हुए अचानक नौकरी से वीआरएस लेने की मांग कर सभी का आश्चर्यचकित कर दिया है। वहीं लखनऊ में डिप्टी एसपी रहे और मौजूद समय में प्रवर्तन निदेशालय के ज्वाइंट डायरेक्टर राजेश्वर सिंह के बारे में चर्चा है कि वह भी भाजपा से टिकट मांग रहे हैं। इसके अलावा हरीश कुमार ने समाजवादी पार्टी से उन्नाव से टिकट मांगा है। वह उन्नाव के एसपी रहे हैं। तीन पुलिस अधिकारियों के चुनाव में उतरने की मंशा को देखते हुए माना जा रहा है कि ये जहां से भी लड़ेंगे, वहां चुनाव रौचक होने वाला है।
यूपी चुनाव की तारीखों का शनिवार को ऐलान हो चुका है और सभी दलों ने इसका स्वागत करते हुए अपनी-अपनी जीत के दावे किए हैं। इस बीच कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने वीआरएस (एच्छिक सेवा निवृत्ति) के लिए आवेदन किया है। उन्होंने जारी किए गए बयान में कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें भाजपा में शामिल होने का प्रस्ताव दिया है। इसके बाद से उनके विधानसभा चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं।
इस संबंध में बयान जारी करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने एच्छिक सेवा निवृत्ति के लिए आवेदन किया है क्योंकि अब राष्ट्र और समाज की सेवा एक नए रूप में करना चाहता हूं। मैं बहुत गौरवांवित अनुभव कर रहा हूं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुझे भाजपा की सदस्यता के योग्य समझा।
उन्होंने कहा कि मैं प्रयास करूंगा कि पुलिस बलों के संगठन के अनुभव और सिस्टम विकसित करने के कौशल से पार्टी को अपनी सेवाएं दूं और पार्टी में विविध अनुभव के व्यक्तियों को शामिल करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल को सार्थक बनाऊं।
मैं प्रयास करूंगा कि महात्मा गांधी द्वारा दिए गए तिलस्म कि सबसे कमजोर और गरीब व्यक्ति के हितार्थ हमेशा कार्य करूं, आईपीएस की नौकरी और अब यह सम्मान, सब बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा अवसर की समानता के लिए रचित व्यवस्था के कारण ही संभव है। मैं उनके उच्च आदर्शों का अनुसरण करते हुए अनुसूचित जाति और जनजाति एवं सभी वर्गों के भाइयों और बहनों के सम्मान, सुरक्षा और उत्थान के लिए कार्य करूंगा। मैं समझता हूं कि यह सम्मान मुझे मेरे पिता स्वर्गीय श्रीराम अरुण एवं माता स्वर्गीय शशि अरुण के पुण्य कर्मों के प्रताप के कारण ही मिल रहा है।
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उन्होंने कहा कि मुझे केवल एक ही कष्ट है कि अपनी अलमारी के सबसे सुंदर वस्त्र, अपनी वर्दी को अब नहीं पहन सकूंगा। मैं साथियों से विदा लेते हुए वचन देता हूं कि वर्दी के सम्मान के लिए हमेशा सबसे आगे मैं खड़ा रहूंगा। आपको मेरी ओर से एक जोरदार सैल्यूट…।
बता दें कि असीम अरुण यूपी कैटर के शानदार व लोकप्रिय आइपीएस अधिकारी हैं। वर्तमान में वह कानपुर कमिश्नर के पद पर कार्यरत थे। इससे पहले असीम अरुण एडीजी डायल 112 की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। कोरोना महामारी के दौरान एडीजी डायल 112 के तौर पर असीम अरुण ने शानदार काम किया था। इनके मैनेजमेंट को लेकर पूरे प्रदेश में इनकी व डायल 112 में कार्यरथ कर्मचारियों की प्रशंसा हुई थी। डायल 112 से पहले असीम अरुण एटीएस के चीफ के तौर पर भी काम कर चुके हैं।
उधर, ईडी के संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह के भी भाजपा के टिकट लड़ने की चर्चा है। उनको गाजियाबाद से टिकट मिलने की संभावना है। राजेश्वर सिंह लखनऊ में सीओ के पद पर तैनात थे। उसके बाद वह 2009 में केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर ईडी में तैनात किये गये थे। वह लखनऊ के आईजी लक्ष्मी सिंह के पति भी हैं। राजेश्वर सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ भ्रष्टाचार में कथित संलिप्तता के लिए जांच और कार्रवाई में सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के मूल निवासी राजेश्वर सिंह धनबाद में इंडियन स्कूल आॅफ माइन्स से डिग्री इंजीनियर हैं। उनके पास कानून और मानवाधिकार की डिग्री भी है। 2018 में राजेश्वर सिंह के खिलाफ भी जांच कराई गई थी, लेकिन उनके खिलाफ अब तक किसी भी तरह की गड़बड़ी का कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।
दूसरी तरफ अभी हाल में डीआईजी के पद से रिटायर्ड हुए हरीश कुमार ने भी चुनाव में ताल ठोंकी है। उन्होंने सपा से उन्नाव की एक सुरक्षित सीट से टिकट की दावेदारी की है। वह उन्नाव के एसपी भी रहे हैं।