उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से वन विभाग में विभिन्न पदों के लिए फर्जी भर्ती निकाल कर कूटरचित नियुक्ति पत्र व पहचान पत्र देकर करोड़ों रूपये की ठगी करने वाले संगठित गिरोह के सरगना सहित तीन आरोपियों को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है।
एसटीएफ प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सूचना मिलने पर वन विभाग में वन दरोगा, वन रक्षक व वनपाल की फर्जी भर्ती निकाल कर कूट रचित नियुक्ति पत्र व पहचान पत्र देकर युवकों से करोडों रूपये की ठगी करने वाले संगठित गिरोह के सरगना सहित तीन अभियुक्तों को शुक्रवार देर रात इन्दिरा नगर लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में गिरोह सरगना सीतापुर निवासी शिवम मेहरोत्रा ,बाराबंकी निवासी आनन्द कुमार सिंह और अम्बेडकर निवासी परीक्षित पाण्डेय शामिल है।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से 11 एटीएम कार्ड, पांच मोबाइल,45 उपस्थित सूचना प्रार्थना पत्र, 50 परिचय पत्र के लिए आवेदन पत्र, 56 कूटरचित नियुक्ति पत्र के अलावा बड़ी संख्या में अन्य कागतात और वन विभाग की मुहर और वन विभाग का मोनेाग्राम छपे 77 लिफाफे, 396 मार्कशीट आधार व परिचय पत्र की छायाप्रति।
तीन मुहर वन विभाग ,90 अदद भिन्न प्रकार के फर्जी आदेशों की प्रतियां। ठगी के रुपयों से खरीदी गई गाडी आदि बरामद की।
प्रवक्ता ने बताया कि पिछले काफी समय से विभिन्न सरकारी विभागोें मे फर्जी भर्ती निकालकर व कूटरचित नियुक्ति पत्र, परिचय पत्र के माध्यम से ठगी करने वाले गिरोहों के सक्रिय होने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थीं। इस सम्बन्ध में एसटीएफ मुख्यालय स्थित साइबर टीम को अभिसूचना संकलन के लिए निर्देशित किया गया। इसी क्रम मे अभिसूचना तन्त्र को सक्रिय किया गया था।
उन्होंने बताया कि वन विभाग मे फर्जी भर्ती निकालकर राम गोपाल तिवारी निवासी सीतापुर से उनके पुत्र व रिश्तेदारों को वन विभाग में वन दरोगा व वनरक्षक के पद पर भर्ती कराने के नाम पर एक संगठित गिरोह द्वारा लगभग 36 लाख की ठगी करने के सम्बन्ध में हजरतगंज लखनऊ मध्य (कमिश्नरेट लखनऊ) मे अभियोग पंजीकृत कराया गया है। अभिसूचना सकंलन के दौरान प्राप्त सूचना के आधार पर कल रात करीब 22ः45 बजे उप निरीक्षक पंकज सिंह के नेतृत्व में साइबर क्राइम टीम एसटीएफ व थाना हजरतगंज पुलिस की संयुक्त टीम ने 290 इन्दिरा नगर से गिरफ्तार किया गया, जिनसे उपरोक्त बरामदगी हुई।
प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त शिवम मेहरोत्रा ने बताया कि वर्ष 2017 मे पलिया रेंज वन विभाग आफिस मे उसी नियुक्ति संविदा पर कम्प्यूटर आपरेटर के पद पर हुई थी। वर्ष 2017 में ही पलिया रेंज मे फारेस्ट गार्ड की भर्ती हुई थी जिनके नियुक्ति पत्र जारी हुए थे उनकी एक प्रति मैने अपने पास रख ली थी। वर्ष 2018 में पलिया रेंज से संविदा पर नियुक्त कम्प्यूटर आपरेटर को निकाल दिया गया था। इसके बाद नौकरी की तलाश मे मै लखनऊ आ गया लखनऊ के कैसरबाग स्थित क्वीक मैनपावर कन्सेलटेंसी के आफिस में उसकी मुलाकात अरबिंद यादव से हुई वह भी नौकरी की तलाश कर रहा था । उससे उसकी मित्रत्रा हो गयी। कई महीनों तक नौकरी न मिलने पर उसने अरविन्द के साथ मिलकर एक प्लान बनाया कि वन विभाग का नियुक्ति पत्र मेरे पास है व कुछ आदेश भी मेरे पास हैं जिनसे मिलते जुलते हम लोग भी आदेश बनाकर वन विभाग मे भर्ती निकाल कर कूटरचित नियुक्ति पत्र जारी कर देगें और लोंगों से भर्ती कराने के नाम पर वन दरोगा पद के लिए तीन लाख रूपये वन रक्षक व वनपाल के लिए 1.5 लाख रूपये ले लेंगें।
उन्होंने बताया कि इसके बाद अरविन्द ने मेरी मुलकात आनन्द सिंह, परीक्षित पाण्डेय, देवेन्द्र पाण्डेय व विजय सिंह से करायी इसके बाद 2018 से अब तक गिरोह के लोगों ने 35-40 लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र देकर लगभग एक करोड़ रूपये की ठगी की और नियुक्ति पत्र व परिचय पत्र बना लेता थे। इन पर अलग अलग रेंज के अनुसार अरविन्द यादव आनन्द सिंह, परीक्षित पाण्डेय, देवेन्द्र पाण्डेय व विजय सिंह हस्ताक्षर बनाकर कन्डीडेटों को देकर पद के अनुसार 1.5 लाख से 3 लाख तक ले लेते थे। गिरोह के लोग उसे कन्जरवेटर बताकर उनका परिचित कराते थे ,जिससे लोग विश्वास करके भर्ती होने को तैयार हो जाते थे। राम गोपाल तिवारी के पुत्र व रिश्तेदारों से हम लोंगों ने लगभग 36 लाख रूपये लिए थे ,जिसके सम्बन्ध मे अभियोग पंजीकृत होने के बाद से ही ये लोग छिप कर रह रहे थे और कल सारे दस्तावेज नष्ट करने के लिए वे लोग मीटिंग कर रहे थे और पकड़े गये। गिरफ्तार आरोपियों को आज जेल भेज दिया गया है।