लखनऊ। भारतीय किसान यूनियन भानु के प्रदेश प्रभारी आशू चौधरी ने हजरतगंज प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया। श्री चौधरी द्वारा केंद्र व प्रदेश सरकारों से किसानों और आमजनों से संबंधित कुछ मांगे रखी है।
केंद्र सरकार द्वारा त्रिस्तरीय कृषि अध्यादेश तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए। अनावश्यक निजीकरण को तुरंत रोका जाए।किसान आयोग का गठन किया जाए। जिस तरह उन्नाव के जिलाधिकारी द्वारा समस्त निजी विद्यालय संचालकों को लॉकडाउन पीरियड की 25 फीसदी फीस माफ करने का आदेश पारित किया गया है। उसी तरह से सरकार को पूरे प्रदेश में यह लागू किया जाना चाहिए।
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स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। यूपी में कुल डीजल की खपत का 25 फीसदी जो किसान इस्तेमाल करता है उस पर सब्सिडी दे। बैंकों द्वारा किसानों पर अनावश्यक दबाव बनाना बन्द करे। गोवंश का गोबर खरीदना सरकार शुरू करे, जिससे छुट्टा जानवरों से कुछ राहत मिल सके। पीएचसी और सीएचसी में डाॅक्टरों की 24 घंटे उपस्थिति सुनिश्चित कराई जाए।
राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण व विकास प्राधिकरण द्वारा किसानों एवं ग्रामीणों की अधिग्रहित भूमि का समय से मुआवजा सुनिश्चित हो। यदि किसी कारणवश उसमें विलंब होता है तो भूस्वामियों को ब्याज सहित मुआवजे की धनराशि प्रदान की जाए।
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प्रदेश प्रभारी आशु चौधरी ने यह भी कहा कि लखनऊ और उसके आसपास के क्षेत्रों में कई ग्राम प्रधानों द्वारा बहुत सी निजी कंपनियों को ग्राम समाज की बंजर जमीनों को विभिन्न कंपनियों को गलत और गैरकानूनी तरीके से स्थानांतरित कराई गई हैं, जिसकी पूरी जांच सरकार को एसआईटी बनाकर करवानी चाहिए।
प्रदेश प्रवक्ता अन्नू श्रीवास्तव ने बाराबंकी स्थित जमुरिया नाले के दोनों ओर हरित पट्टिका क्षेत्र में सैकड़ों अवैध निर्माण किए गए हैं, जिसमें की शहर के नामचीन विद्यालयों एवं कॉलेजों के भी अवैध निर्माण प्रशासन को मुंह चिढ़ा रहे हैं। उच्च न्यायालय के ध्वस्तीकरण के आदेश होने के बाद भी इन अवैध निर्माणों पर बुलडोजर न चलना इस बात को दर्शाता है कि प्रशासन और भू माफियाओं एवं शिक्षा माफियाओं के बीच तगड़ी भ्रष्टाचारिक सांठगांठ चल रही है, जिसके खिलाफ आगामी 22 सितंबर को तहसील नवाबगंज बाराबंकी का घेराव भारतीय किसान यूनियन भानू की छात्र संघ इकाई द्वारा किए जाने का ज्ञापन प्रशासन को सौंपा जा चुका है।
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श्री चौधरी ने यह भी कहा की लॉकडाउन की आड़ में कोविड-19 के नाम पर जो धोखाधड़ी और हेराफेरी का खेल जिलों में खेला जा रहा है, जिस तरह से स्वास्थ्य किट खरीदने में भारी घोटाले की बात सामने आ रही है। यूनियन यह मांग करती है कि प्रकरण की एक एसआईटी बनाकर मुख्यमंत्री एक उच्च स्तरीय जांच करवाएं, जिससे भ्रष्टाचार में संलिप्त चेहरों को उजागर कर उन पर न सिर्फ दंडात्मक कार्रवाई की जा सके बल्कि उनकी सेवा समाप्ति भी शासन के द्वारा की जाए।
लॉकडाउन समाप्त होने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह के नेतृत्व में दिल्ली के रामलीला मैदान में भारतीय किसान यूनियन भानु उक्त मांगों को लेकर एक बड़ा किसान एवं जन आंदोलन खड़ा करेगी और जब तक सभी मांगे सरकार द्वारा मान नहीं ली जाएंगी तब तक हम लोग रामलीला मैदान से नहीं हटेंगे।