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दो गांवों से मजदूरी करने वाले लापता 3 युवक की 18 जुलाई के मुठभेड़ में मौत

मुठभेड़ में 3 युवक की मौत

मुठभेड़ में 3 युवक की मौत

श्रीनगर। राजोरी के कोटरंका इलाके के दो गांवों से मजदूरी करने कश्मीर के शोपियां गए तीन युवक लापता हो गए हैं। एक युवक के पिता ने रविवार को इनके लापता होने की रिपोर्ट पीड़ी स्थित पुलिस चौकी में दर्ज कराई है। युवक के पिता का आरोप है कि 18 जुलाई को शोपियां में जो मुठभेड़ हुई उनमें मारे गए युवकों में एक उसका बेटा भी है।

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बताया जाता है कि कोटरंका के धार साकरी निवासी अबरार अहमद पुत्र बैग्गा खान, इम्तियाज अहमद पुत्र सबार हुसैन और तरकस्सी निवासी अबरार अहमद पुत्र मोहम्मद यूसुफ 16 जुलाई को मजदूरी करने कश्मीर घाटी गए थे। 17 जुलाई को उन्होंने शापियां पहुंच कर फोन किया था। उसके बाद जब दो दिन तक उनका कोई फोन नहीं आया तो परिवार ने खुद उनसे संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन तीनों के मोबाइल स्विच ऑफ थे। लापता इबरार के पिता मोहम्मद यूसुफ ने बताया कि युवकों में एक उनका, एक साली और साले का बेटा है।

यूसुफ ने बताया कि रविवार को उन्हें श्रीनगर के एक व्यक्ति ने एक एनकाउंटर में मारे गए तीन युवकों के फोटो भेजे तो उन्होंने फोटो में एक को पहचान लिया, जो उनकी साली का बेटा इम्तियाज है। बाकी दो के चेहरे बुरी तरह जख्मी होने से पहचाने नहीं जा रहे हैं। यूसुफ के अनुसार वे सोमवार को उपायुक्त राजोरी से मिलकर कश्मीर घाटी जाने की अनुमति लेने आए थे, लेकिन खराब मौसम और कोविड-19 का हवाला देते हुए डीसी ने उन्हें अनुमति देने से मना कर दिया।  घर में मातम

परिवार के सदस्यों के मुताबिक तीनों युवकों के फोन 25 दिन से बंद आ रहे हैं। उनका कोई अता-पता भी नहीं है। उन्हें किसी अनहोनी का डर है। लापता युवकों की माताओं का रो-रो कर बुरा हाल है। पूरे घर में मातम छाया है।

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दो मजदूर 12वीं पास

परिजनों ने बताया कि अबरार ने इसी वर्ष जून के महीने 12वीं कक्षा पास की है और एक अन्य मजदूर भी 12वीं पास है।

लोगों में गुस्सा

एक साथ तीन मजदूरों के लापता होने की खबर सामने आने के बाद लोगों में गम और गुस्सा है। समाजसेवी गुप्तार चौधरी और सरपंच फारूक इंकलाबी ने कहा है कि यदि लापता मजदूरों का शीघ्र पता नहीं लगाया तो सड़कों पर जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा।

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