उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने आम आदमी पार्टी (आप) सांसद संजय सिंह का नाम लिये बगैर कहा कि टिकट ब्लैक करने वाले अब कर रहे कॉरपोरेट कंपनियों की लॉबिंग कर रहे हैं।
श्री सिंह ने बुधवार को कहा कि कोरोना काल में जब लोगों को मदद की जरूरत थी, तब न उनकी पार्टी दिखी और न ही उनकी पार्टी का कोई नेता। ऐसे लोगों की प्रदेश में दाल गलने वाली नहीं है। वह दिल्ली से लेकर पंजाब, गुजरात, गोवा और उत्तराखंड में जनता के बीच एक्सपोज हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में संभावित तीसरी लहर को देखते हुए युद्ध स्तर पर तैयारी की जा रही है। इसके लिए चिकित्सकों की विशेषज्ञ कमेटी भी बनाई गई है और उनकी सलाह पर उच्च गुणवत्ता वाली जरूरी मेडिकल उपकरणों की खरीदारी की जा रही है। इसके लिए क्रय समिति का गठन किया गया है, लेकिन यह बात कुछ विपक्षी दलों के नेताओं को रास नहीं आ रहा है कि कैसे यूपी में तीसरी लहर से पहले तैयारियों को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। इसलिए वह प्रवासी पक्षियों की तरह रह-रह कर यूपी में सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए बेबुनियादी आरोप लगा रहे हैं।
श्री खन्ना ने कहा कि यूपी की जनता भूली नहीं है कि किस तरह से दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। इसका खामियाजा दिल्ली सरकार को चुकाना पड़ेगा। आम आदमी पार्टी शायद यह भूल गई है कि इन्हीं आदतों की वजह से उनके नेता को कोर्ट में माफी मांगनी पड़ी थी।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि कई राज्यों की तुलना में यूपी में उच्च गुणवत्ता वाले उपकरण खरीदे जा रहे हैं। इसके लिए अलग-अलग सरकारी संस्थाओं की ओर से खरीदे गए उपकरणों की बकायदा तीन तरह की सूची बनाई गई है और उसी के आधार पर खरीद हो रही है। एक ही तरह के कई कंपनियों के उपकरण होते हैं और उनकी विशेषताएं भी अलग-अलग होती हैं और उसी के आधार पर मूल्य भी होता है। भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले पहले तथ्यों की पड़ताल कर लें अन्यथा झूठे आरोपों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।