लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ के रहमानखेड़ा इलाके में बाघ (Tiger) का आतंक जारी है। ये बाघ हजारों परिवारों के लिए मुसीबत बन गया है। पिछले 48 दिनों से 60 गांवों के लोग अपने घरों में कैद हैं, क्योंकि वन विभाग की टीम बाघ को पकड़ने में नाकाम रही है। इस बीच बाघ 15 शिकार कर चुका है। गनीमत रही कि इसने किसी इंसान का शिकार नहीं किया।
बाघ के हमले से रहमानखेड़ा और आसपास के इलाके में डर का माहौल बना हुआ है और लोग अपने घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं। वन विभाग की टीम ने बाघ को पकड़ने के लिए कई प्रयास किए हैं, लेकिन अभी तक वे सफल नहीं हुए हैं। ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है।
स्थानीय लोगों ने वन विभाग से जल्द से जल्द बाघ (Tiger) को पकड़ने की मांग की है, ताकि वे अपने घरों से बाहर निकल सकें और अपने दैनिक जीवन को सामान्य बना सकें। मामले में डीएफओ सीतांशु पांडे ने कहा कि बाघ को पकड़ने के लिए लगातार कॉम्बिंग की जा रही है, जाल/पिंजड़े भी लगाए गए हैं। स्पेशल टीमें और एक्सपर्ट बुलाए गए हैं। उम्मीद है जल्द ही बाघ को ट्रैंकुलाइज कर पकड़ लिया जाएगा।
लखनऊ में बाघ की दहशत के बीच इस इलाके में हुई तेंदुए की एंट्री
गौरतलब हो कि बीते दिनों रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और भैंस के बच्चे का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। वह लगातार वन विभाग को चकमा दे रहा है। उसने जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया था।
फिलहाल, वन विभाग की टीमें बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में कॉम्बिंग कर रही हैं। हाथियों की मदद भी ली जा रही है। लेकिन सफलता नहीं मिली है। इन सबके बीच स्थानीय लोग डर के साये में जीने को मजबूर हैं।